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सरकारी योजना का खीरी में उड़ाया जा रहा मजाक, राशन कार्ड मे आधार के गलत नंबर किए गए फीड

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी।

|75% आधार फीडिंग पर गल्ला उठान तो 25 प्रतिशत कार्ड धारकों का उड़ाया मजाक|

आम लोगों की सहूलियत के लिए सरकार आधुनिकता को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास कर रही है। परंतु सरकारी महकमों की लापरवाही के चलते सरकार की मंशा पूरी होती नहीं दिखाई दे रही। यही कारण है कि आज जिले भर में गरीब आवाम सस्ते गल्ले की दुकानों के चक्कर मारने को मजबूर है। परंतु विभागीय अधिकारी व कर्मचारी जनता की इस समस्या से इत्तेफाक नहीं रखते। शायद यही कारण है कि आधार फीडिंग की समस्या अभी तक बनी हुई है। जिस कारण गरीबों को अनाज नहीं मिल पा रहा है और परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच रहे हैं।
आपको बता दें कि भ्रष्टाचार को खत्म करने और पारदर्शिता लाने के लिए सरकार इन दिनों हर योजना के लाभार्थी को आधार से जोड़ रही है। आधार लिंक के साथ ही लोगों को बेहतर सुविधा देने के सरकार के वादे को विभागीय उदासीनता परवान चढ़ने नहीं दे रही है। यही कारण है की महत्वाकांक्षी योजना के तहत गरीबों को सस्ते गल्ले के लिए भी अब कोटे के चक्कर लगाने पढ़ रहे हैं। जिला पूर्ति विभाग द्वारा आधार फीडिंग का काम किया जा रहा था। राशन कार्ड से आधार कार्ड को जोड़ने के लिए उपभोक्ताओं से कई बार आधार कार्ड की कॉपी ली जा चुकी है। परंतु इसके बावजूद अभी तक लोगों के आधार कार्ड को सही तरीके से फीड नहीं किया गया है। शायद यही कारण है कि करीब करीब हर कोटेदार के सामने यह समस्या मुहबाये खड़ी है, कि आने वाले उपभोक्ता जब शासन द्वारा दी गई आधुनिक मशीन पर अपना अंगूठा मैच कराता है तो वहां नॉट मैच लिखकर आता है। ऐसे में कोटेदार द्वारा उसे गल्ला भी नहीं दिया जा सकता। एक नहीं दो नहीं ऐसे दर्जनों लोग जिले भर के कोटो से निराश होकर वापस लौटते हैं। गरीबों के लिए चलाई जा रही यह योजना भले ही भ्रष्टाचार से बच रही हो, परंतु विभाग की लापरवाही के कारण इन दिनों गरीब भुखमरी की कगार पर पहुंचने को मजबूर है। सस्ते गल्ले के लिए कोटे के चक्कर तो गरीब परिवार लगा रहे हैं और दर्जनों बार इसकी शिकायत भी कर चुके हैं, परंतु हर बार आधुनिकता का हवाला देते हुए उन्हें बेरंग वापस लौटाया जा रहा है।

गलत फीड हुए हैं आधार के नंबर

लखीमपुर खीरी। विभागीय लापरवाही के चलते एक बड़ी समस्या लोगों के सामने आई है। यह समस्या आधार कार्ड का लिंक होना है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि विभाग द्वारा आधार फीडिंग का जो काम प्राइवेट मशीनरी से कराया गया है। उसने आनन-फानन में फील्डिंग तो कर दी परंतु आधार कार्ड के ऊपर पड़े नंबरों को सही से लोड नहीं किया। यही कारण है की हर कार्ड धारक का अंगूठा आज मैच नहीं हो रहा। हालांकि विभागीय अधिकारी इस गलती को दबे शब्दों में तो मान रहे हैं परंतु खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

कहीं भूख से फिर न मरे कोई गरीब

जिले में कुपोषण भी एक बड़ी समस्या बना हुआ है। ऐसे में गरीब परिवारों को अगर सही समय पर गल्ला नहीं मिल पाएगा तो कुपोषण की समस्या के साथ-साथ भुखमरी भी एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ सकती है। सस्ता गल्ला न मिलने के कारण इन दिनों सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर मध्य प्रदेश की एक घटना खासा चर्चा में है। जिसे लेकर एक गाना भी गाया गया है उस गाने के बोल भूख से होने वाली मौत पर सरकार की और विभागीय लापरवाही की कहानी कह रहे हैं। कुल मिलाकर अगर सरकार और विभागीय कार्यशैली के बीच गरीब झूलता रहा तो निश्चित तौर पर जिले में कुपोषण के आंकड़े में इजाफा हो सकता है।
 

बोले जिम्मेदार – कोटे तक नहीं जा सकती महिलाएं तो लोग कटवा दे नाम

 इस बाबत जब डीएसओ अभिनव सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां 75% आधार फीडिंग पर ही गल्ला दिया जा रहा है। परिवार के सभी सदस्यों की आधार फील्डिंग न होने के कारण घर की महिलाओं को कोटे तक मजबूरन जाने के सवाल पर साहब ने भी नसीहत दे डाली और बोले कि अगर महिलाएं कोटे तक नहीं जा सकती हैं तो लोगों को राशन कार्ड से उनका नाम कटवा देना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी का अंगूठा मशीन नहीं ले रही है तो वह हर महीने की 23 तारीख के बाद किसी भी दिन गल्ला ले सकता है। उन्होंने लोगों से यह भी अपील की कि जिनके अंगूठे मशीन नहीं ले रही है। वह छोटी छोटी कमियों की वजह से है। कार्यालय आकर लोग इन गलतियों को सही करा सकते हैं।