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गुजरात चुनाव में बीजेपी की जीत का ‘योगी फैक्टर’

लखनऊ 
गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जीत हासिल कर ली है। इस बार मुश्किल चुनावी समर में भी बीजेपी 22 साल बाद भी सत्ता बचाने में कामयाब रही। इस जीत का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति को दिया जा रहा है। इन सबके बीच फायरब्रैंड नेता, हिंदुत्व फेस और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैलियां भी इस चुनाव में बीजेपी की जीत के लिए अहम रही हैं।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने दूसरे चरण के प्रचार के तहत 16 रैलियां कीं। इसमें 25 किलोमीटर का रोड शो भी शामिल रहा। योगी ने सिर्फ 48 घंटे में ये 16 रैलियां कीं साथ ही एक बड़ा रोड शो भी किया। तैयारी इस तरह रही कि एक चॉपर पर वह तीन बार उड़े और सड़क मार्ग से 1750 किलोमीटर की यात्रा की। बता दें कि पूरे चुनाव में योगी ने पोरबंदर और सूरत से लेकर आनंद और अहमदाबाद तक करीब 46 रैलियां कीं। इनमें सूरत क्षेत्र में नोटबंदी और जीएसटी के असर और राहुल गांधी और हार्दिक पटेल की जबरदस्त कैंपेनिंग के बावजूद पार्टी ने 15 सीटों पर कब्जा कर लिया है जबकि कांग्रेस को यहां सिर्फ 1 सीट से संतोष करना पड़ा है

दरअसल, पीएम मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ ने गुजरात में सबसे अधिक रैली की। गुजरात परिणाम पर इसका असर भी दिख रहा है। बनासकांठा क्षेत्र में पटेल समुदाय का कांग्रेस को समर्थन छोड़ दें तो इसके अलावा बाकी जगहों पर जहां योगी ने रैलियां की हैं, बीजेपी को फायदा मिला है। गुजरात में बसे उत्तर भारतीयों को रिझाने के लिए खासकर दक्षिण गुजरात में योगी की रैली कराई गई। दक्षिण गुजरात में बीजेपी 15 सीटें लाने में कामयाब रही है जबकि कांग्रेस के खाते में यहां 10 सीटे हैं। इसी तरह से वडोदरा में भी सीएम योगी की जनसभाएं और रैलियां हुईं। वडोदरा में पार्टी ने 6 सीटों पर कब्जा किया है। वहीं गुजरात मध्य में 16 सीटों पर पार्टी जीतने में कामयाब रही है। 

गुजरात बीजेपी ने की थी योगी की मांग 
दरअसल, चुनावों से पहले ही गुजरात बीजेपी ने प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ की डिमांड की थी। बाद में चुनाव प्रचार शुरू हुए तो योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार प्रचारकों में शामिल हुए। इसके बाद योगी ने पहले चरण के साथ ही गुजरात में धुआंधार रैलियां कीं। बताया जा रहा है कि पहले योगी की रैलियां कम थीं लेकिन बाद में मांग बढ़ने के साथ रैलियों की संख्या भी बढ़ा दी गई। माना जा रहा है कि बीजेपी के लिए जहां पीएम नरेंद्र मोदी की हिंदू हृदय सम्राट की छवि चुनावों में फायदा पहुंचाती है वहीं फायर ब्रैंड नेता और कट्टर हिंदूत्व चेहरे के रूप में योगी की छवि भी लोगों को खूब लुभाती है। 

अब त्रिपुरा में भी योगी की रैलियों की मांग 
यूपी विधानसभा चुनावों से पहले भी बीजेपी ने योगी के इसी फेस का उपयोग किया था और परिणाम उसके पक्ष में आया था। इसके बाद योगी सीएम बने और फिर बीजेपी में उनका कद और बढ़ गया। अब योगी आदित्यनाथ की डिमांड चारों तरफ से हो रही है। गुजरात के बाद अब त्रिपुरा बीजेपी ने भी सीएम की रैलियों की मांग की है। बताया जा रहा है कि त्रिपुरा में पीएम मोदी के बाद सबसे अधिक डिमांड सीएम योगी की है। अब बताया जा रहा है कि बीजेपी जनवरी में पीएम मोदी के बाद वहां सीएम योगी की रैलियों के आयोजन की तैयारी में है।