देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के दिल में विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित करारी हार की कसक बनी हुई है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी हार के कारणों की थाह ढूंढ़ना उनके लिए मुमकिन नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर कार्यकर्ताओं के लिए पत्र पोस्ट कर दर्द का जिक्र किया तो इमोशनल कार्ड भी खेला। दर्द को उन्होंने कुछ इस तरह इजहार किया कि ‘हम सब कुछ करने के बाद हार गए, मोदी जी बिना कुछ किए चुनाव जीत गए। मोदी जी का बड़े से बड़ा प्रशंसक यह नहीं बता सकता है कि उन्होंने उत्तराखंड के लिए क्या किया है।
कार्यकर्ताओं को संबोधित पूर्व मुख्यमंत्री के इस पत्र को प्रदेश में कांग्रेस के नए अध्यक्ष की ताजपोशी के बाद पार्टी में तेजी से हो रहे बदलाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि भीषण चुनावी हार के डेढ़ माह बाद वह पत्र लिख रहे हैं। प्रत्येक हार के अपने कुछ कारण होते हैं। इस हार के भी आपने कुछ कारण ढूंढे होंगे।
मुझे विश्वास है, आप भविष्य के लिए उसका तोड़ भी ढूंढ लेंगे। भाजपा के पक्ष में ऐसी कोई आंधी नहीं थी कि ऐसी मकान उखाड़ जीत उनको मिलती। हमारी सरकार के खिलाफ भी कोई हवा नहीं थी। सभाओं में लोग बढ़-चढ़कर आ रहे थे। विधानसभा क्षेत्रवार चुनाव प्रचार अच्छा चल रहा था। यदि सरकार के कार्य पर वोट होता तो अकेले आपदा के बाद चारधाम यात्रा का संचालन व आपदा पीड़ितों व क्षेत्रों का पुनर्वास तथा पर्यटन व्यवसाय का पटरी पर लौटना ही इतना बड़ा काम है कि कांग्रेस को वापस सत्ता में आना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसा लगता है, जैसे किसी अदृश्य शक्ति ने एक झपट्टे से हमसे जीत छीनी है। यह शक्ति कुछ भी हो सकती है। हम चुनाव हारे हैं, यह एक दु:खद सत्य है। वर्तमान हार से भविष्य की जीत की नींव रखनी है। हार का उत्तर केवल जीत है।
पिछली सरकार के कार्यों के आधार पर कार्यकर्ताओं में दोबारा जोश भरने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले कल में यही बातें या जानकारियां उनके हाथ में एक प्रभावी राजनैतिक हथियार होंगी। वह हर मोड़ पर कार्यकर्ताओं के साथ खड़े मिलेंगे।