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विजय माल्या को भारत को सौंपने पर नेता नहीं, कोर्ट करेगा फैसला

विजय माल्या को भारत सौंपने को लेकर ब्रिटेन ने कुछ mallya_1465906414भी कहने से इंकार कर दिया है। मंगलवार को ब्रिटेन के वित्त मंत्री फिलिप हैमंड ने इस मामले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि ये न्यायालय का मामला है। न्यायालय के ऑर्डर के बाद ही माल्या को भारत को सौंपा जा सकता है। 
हैमंड ने ये बातें नौवीं ब्रिटेन-भारत आर्थिक और वित्तीय वार्ता के दौरान कही। गौरतलब है कि भारत ने इस साल आठ फरवरी को औपचारिक तौर पर ब्रिटेन सरकार से भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत विजय माल्या के प्रत्यर्पण का औपचारिक आग्रह किया था। 

पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब फिलिप से किंगफिशर के मालिक विजय माल्या और पूर्व आईपीएल मालिक ललित मोदी के प्रत्यर्पण से संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा मुझे पता है कि दोनों के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। दोनों के मामले न्यायालय में लंबित है इसलिए मैं इस मामले में कुछ कहने में सक्षम नहीं हूं। मंत्रियों को इस पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। पत्रकार वार्ता के दौरान भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे। 

आपको बता दें कि माल्या को भारतीय बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ का कर्ज चुकाना है। पिछले महीने विजय माल्या को भारत को सौंपने के लिए विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बाद जिला न्यायालय के पास इस मामले को भेज दिया गया था। माल्या को भारत वापस लाने के लिए ब्रिटेन सरकार का ये पहला कदम है। 

माल्या की किंगफिशर कंपनी 9 हजार करोड़ रुपए के कर्ज के बाद बंद हो चुकी है। उच्चतम न्यायलय ने माल्या को पासपोर्ट के साथ कोर्ट में पिछले साल 30 मार्च को पेश होने के लिए कहा था। लेकिन वो कोर्ट में पेश नहीं हुए। माल्या करीब 2 साल से फरार हैं और ब्रिटेन में रह रहे हैं। 

 

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