महादलित परिसंघ द्वारा ने दिया सांकेतिक धरना
एडीएम को सौंपा ज्ञापन
लखीमपुर-खीरी। महादलित परिसंघ द्वारा रविवार को लखीमपुर के डा. अम्बेडकर पार्क में योगी सरकार के वाल्मीकि जयंती पर होने वाले अवकाश को रद्द किए जाने के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया गया। धरने का नेतृत्व परिसंघ के राष्ट्रीय महासचिव चंदन लाल वाल्मीकि ने दिया। चंदन लाल ने बताया कि बसपा सरकार द्वारा रद्द की गई छुट्टी को अखिलेश यादव ने बहाल कर दिया था।
वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश रद्द करने के मामले ने प्रदेश सरकार की दिवालिया मानसिकता को उजागर किया है। उन्होंने नगर पालिका में समय से वेतन, ठेका प्रथा बंद कर नई भर्ती की मांग की। बाबा ब्रह्म शरण वाल्मीकि संत ने कहा कि यह वाल्मीकि समाज और संत समाज की आस्था पर कुठााराघात है। डेढ़ माह पूर्व वाल्मीकि जयंती को रद्द करे के बाद देश में पहली बार वाल्मीकि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की मांग महादलित परिसंघ ने लखीमपुर से उठाई है। यदि सरकार शीघ्र मांग पूरी नहीं करती है तो यह धरना सांकेतिक न रहकर पूरे प्रदेश में जनआंदोलन का रूप ले लेगा।
सांकेतिक धरने का संचालन करते हुए श्याम किशोर बेचौन प्रदेश अध्यक्ष कला साहित्य प्रकोष्ठ महादलित परिसंघ ने कहा कि योगी सरकार को विकास के एजेंडे पर जनादेश मिला लेकिन वाल्मीकि जयंती की छुट्टी रद्द कर कर करोड़ों वाल्मीकि समाज के लोगों की जनभावना पर हथौड़ा चलाने का काम किया है। दीपक वाल्मीकि ने कहा कि सरकार बुनियादी सुविधाओं को देने से बेखबर हैं। 2016 के संविदा सफाई कर्मचारियों को नियमित कर देना चाहिए। वीरेंद्र वाल्मीकि ने कहा कि सरकार को वाल्मीकियों में शिक्षा की बढ़ौत्तरी के लिए कदम उठाना चाहिए। धीरेंद्र वाल्मीकि ने कहा कि ठेका प्रथा बंद कर सरकार को नई नियमित नियुक्ति की जानी चाहिए। चंदन वाल्मीकि ने बाबा साहब की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर लिया। योगी सरकार की सद्बुद्धि के लिए बाबा ब्रह्म शरण ने धरना स्थल पर हवन किया। चंदन लाल वाल्मीकि ने कार्यक्रम को समाप्त करने से पूर्व एडीएम को पांच सूत्रीय ज्ञापन दिया। धरने में तुलसीराम, सुरजन लाल, श्रीपाल, राम बाबू वाल्मीकि, अशोक वाल्मीकि, दीपक वाल्मीकि, राजन वाल्मीकि, धीरज वाल्मीकि, संजय वाल्मीकि, कमलजीत, राजू वाल्मीकि, विवेक वाल्मीकि, दीन दयाल, राजेंद्र, प्रहलाद सिंह, विमलेश वाल्मीकि, दिनेश वाल्मीकि, मुनेंद्र वाल्मीकि, अजय वाल्मीकि, श्याम वाल्मीकि, अर्जुन वाल्मीकि, दिलीप वाल्मीकि, राम लखन वाल्मीकि, शानू, रमेश, अनिल, मिथलेश, कमलेश वाल्मीकि, राजेश वाल्मीकि सहित सैकड़ों वाल्मीकि समाज के नौजवानों ने भाग लिया।