एक चाय की दुकान चलाने वाला व्यक्ति देश का राष्ट्रपति बनने की चाह रखते हुए, राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन भर दिया। गौरतलब है कि एक चायवाला प्रधानमंत्री बन सकता है, तो वह राष्ट्रपति क्यों नहीं बन सकता। चुनाव हारने का शौक रखने वाले 49 वर्षीय आनंद सिंह कुशवाहा ने चौथी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी नामांकन भर दिया हैं। जानकारी के अनुसार आनंद लगभग बीस बार चुनाव हार चुके हैं।
ग्वालियर में रहने वाला आनंद सिंह कुशवाहा चाय बनातें हैं। उन्होने बताया कि वह 1994 से लेकर 2017 तक कौन-कौन से चुनाव लड़े हैं। वह उपराष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ चुके हैं। आनंद ने बताया मेरा संपर्क यूपी के विधायकों और सांसदों से हैं। शुरुआती चुनावी समय में मुझे पर्याप्त वोट नहीं मिले, लेकिन इस बार मुझे विश्वास है कि मुझे अच्छा समर्थन प्राप्त होगा। भारत में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए पचास वैध वोटरों का समर्थन होना चाहिए।
कुशवाहा ने कहा कि वह प्रतिदिन अपनी कमाई में से एक हिस्सा चुनाव लड़ने के लिए बचाते हैं। 2013 के विधानसभा चुनावों में मुझको 376 वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि मैं वाहनों के काफिले का इंतेजाम नहीं कर सकता इसलिए पैदल ही अपना प्रचार करता हूं। प्रचार पर निकलने के बाद चाय कि दुकान मेरी बीवी संभालती हैं। मेरा उद्देश्य है कि मैं कम से कम एक बार सफल होना चाहता हूं। 2014 के लोकसभा चुनाव में दाखिल पर्चे के अनुसार कुशवाहा के पास 5000 रुपए कैश और 10 हजार अचल संपत्ति थी।