नई दिल्ली. अमरीकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट यह बताती है कि पाकिस्तान को लेकर भारत की सोच में काफी बदलाव हो चुका है. पाकिस्तान से बार-बार धोखा खाते-खाते भारत अब थक चुका है. यही वजह है कि भारत ने पाकिस्तान को लेकर अब अपनी नीतियों में बदलाव करने का फैसला किया है.
भारत ने तय कर लिया है कि अगर पाकिस्तान के साथ अगर युद्ध के हालात बनते हैं तो भारत उसे हमला करने का पहले मौक़ा नहीं देगा. साथ ही भारत जिस ताकत के साथ हमला करेगा उससे पाकिस्तान को बहुत लम्बे समय तक अपने पाँव पर खड़े होने लायक ताकत भी नहीं रहेगी. न्यूयार्क टाइम्स की इस रिपोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के 1984 में दिए गए बयान का ज़िक्र भी है.
इस बयान में रीगन ने कहा था कि परमाणु युद्ध को कभी जीता नहीं जा सकता लेकिन इससे बचा जाना चाहिए. भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध पर चर्चा करते हुए रिपोर्ट में परमाणु युद्ध के नुक्सानात भी बताये गए हैं. जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमले का असर आज तक देखा जा सकता है. भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति सम्पन्न देश हैं.
पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने इस सम्बन्ध में यह स्पष्ट किया कि परमाणु सम्पन्न देश के खिलाफ भारत परमाणु हथियार का इस्तेमाल कब करेगा इसकी स्थितियां साफ़ नहीं हैं. भारत के एक रक्षा विशेषज्ञ ने भी स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के भारत के प्रति रुख और उसके द्वारा जंग के मैदान में लगातार इस्तेमाल होने वाले परमाणु हथियार विकसित करने की वजह से भारत अगर अपनी नीतियों में बदलाव कर ले तो फिर आश्चर्य किस बात का है.
इस रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ न्यूक्लियर हमले की योजना बना रहा है तो ऐसी स्थिति में भारत अगर पहले उस पर परमाणु हमला कर दे तो यह संभव है. रक्षा विशेषज्ञ के मुताबिक अगर ऐसा होता है तो भारत पाकिस्तान की कमर तोड़ने के लिए हर संभव उपाय करेगा और पाकिस्तान में मौजूद परमाणु हथियारों के पूरे ज़खीरे को खत्म करने तक नहीं रुकेगा. भारत बार-बार की जंग का झंझट एक बार में ही खत्म कर देगा. ऐसी हालत में पाकिस्तान को अपने पैरों पर खड़े होने में फिर कई दशक लग जायेंगे.