6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मंगलवार से नीतिगत ब्याज दर पर विचार-विमर्श शुरू करेगी। उम्मीद है कि नोटबंदी के असर को कम करने के लिए रेपो रेट में कम से कम 0.25 फीसद की कटौती होगी। बुधवार को रिजर्व बैंक की दोमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में इसका एलान होगा।
रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में यह एमपीसी की दूसरी बैठक है। अक्टूबर में हुई पहली बैठक में समिति ने रेपो रेट को 0.25 फीसद घटाकर 6.25 फीसद किया था। रेपो रेट वह दर है जो बैंक कम अवधि के कर्ज पर आरबीआइ को चुकाते हैं। यह अवधि कुछ घंटों से लेकर 15 दिन तक हो सकती है।
जनवरी, 2015 से केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 1.75 फीसद की कटौती कर चुका है। 500 और 1000 की नोट बंद होने के बाद यह मौद्रिक नीति की पहली समीक्षा है। नोटबंदी के बाद बैंकों की जमा में भारी वृद्धि हुई है। केनरा बैंक के एमडी व सीईओ राकेश शर्मा का कहना है कि महंगाई में नरमी को देखते हुए आगामी नीति में आरबीआइ 0.25 फीसद की कटौती कर सकता है