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मुजहा हवाई पट्टी पर आयोजित हुआ एयर लिफ्टिंग का प्रशिक्षण

देव श्रीवास्तव/पलियाकलां-खीरी |
पलिया की मुजहा हवाई पट्टी पर राहत आयुक्त उप्र संजय कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ प्रभावित जनपदों के प्रशासनिक अधिकारियों को बाढ़ के दौरान हैलीकाप्टर से कैसे बचाव कार्य किया जाए, इस बारे में विस्तार से प्रशिक्षण प्रदान किया गया। हालांकि प्रशिक्षण का समय अपराह्न 12 बजे था, लेकिन खराब मौसम की वजह से हेलीकाप्टर एवं टीम निर्धारित समय से करीब साढ़े तीन घंटे देरी से यहां पहुंच सकी। जिसके बाद आनन-फानन प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। 
   मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में पहली बार वायु सेना के साथ ओरियेंटेशन बैठक का आयोजन यहां पलिया की मुजहा हवाई पट्ट पर किया गया। बैठक में बाढ़ प्रभावित जनपदों के डीएम, एडीएम, एसडीएम आदि मौजूद रहे।  एयर फोर्स के अधिकारी और जवानों द्वारा बाढ़ की विभीषिका के समय प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, राहत सामग्री, भोजन पैकट्स, पानी के पाकेट्स और दवा शीघ्र पहुंचाने हेतु आदि के सम्बंध में मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया गया। उपस्थित अधिकारियों को एयर ड्रापिंग के सम्बंध में महत्चवपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। जैसे राहत सामग्री, भोजन के पैकेट्स का वजन पांच किग्रा से अधिक  नहीं होना चाहिए, पैकेट पर वस्तु का नाम, वजन आदि का पूर्ण विवरण अंकित किया जाना आवश्यक है। पैकेट्स हेलीकाप्टर से गिराते समय पैकेजिंग के फटने की आशंका रहती है। जिससे नुकसान हो सकता है। ट्रेनर ने बताया कि इन्हें बोरी, कपड़े के बैग के अन्दर तीन परतों में अच्छी तरह पैक करें तथा पके हुए भोजन को अच्छे किस्म के सिंथेटिक बैग में तीन परतों  वाली पैकेट में रखना चाहिए। पीने का पानी प्लास्टिक के बोतलों में ही आपूर्ति करें। भोजन व अन्य सामग्री के पैकेट कैसे बनाए जाएं और उन्हें किस तरह से फेका जाना है इस बारे में भी पूर्ण रूप से बताया गया।
 
  प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि बाढ़ में फंसे लोगों के अलावा ऐसे व्यक्ति जो लापता हो गए हैं उन्हें ढूंढना महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए लापता व्यक्ति का पूर्ण विवरण जैसे नाम, उम्र एवं पते  की भी सूची तैयार की जानी चाहिए। बचाव कार्य के समय हेलीकाप्टर में उपस्थित व्यक्तियों का भी विवरण रहे। राज्य सरकार का एक प्रतिनिधि नोडल अधिकारी के रूप में हेलीपैड पर उपस्थित रहकर बचाव व राहत सामग्री वितरण कार्य अपनी निगरानी में सम्पन्न कराएंगा। हेलीकाप्टर के ईंधन की व्यवस्था हेतु इंडियन ऑयल कार्पोरेशन, भारत पेट्रोलिेग कार्पोरेशन एवं हिंदुस्तान पेट्रोलिंग को सूचित कर दिया जाए। ऑपरेशन के दौरान हैलीपैड पर फायर टेंडर तथा  एम्लबुस  की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। स्थानीय भीड़ के नियंत्रण हेतु पुलिस की व्यवस्था की जाय तथा हेलीकाप्टर दल हेतु समुचित भोजन, पानी, आवास परिवहन इत्यादि की व्यवस्था होनी चाहिए जिसमें बाढ़ के दौरान बचाव एवं राहत कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सके। अगर बाढ़ के दौरान एयर लिफ्टिंग की आवश्यकता बढ़ती है तो इसके लिए डीएम को जिम्मेदारी से सूचना देनी होगी। बताया गया कि बाढ़ के दौरान बचाव एवं राहत कार्यों हेतु वाये सुना से सहयोग प्राप्त करने के लिए संबंधित जिलाधिकारी को मध्य वायु कमान मुख्यालय, भारतीय वायु सेना बमरौली इलाहाबाद अथवा विंग कमांडर  से लिखित अनुरोध किया जाना आवश्यक है। इसकी एक प्रति राहत आयुक्त को उपलब्ध कराई जाये। 
  प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान राहत आयुक्त उप्र संजय कुमार, विशेष सचिव राजस्व किंजल सिंह, कर्नल डीपी सिंह, डीएम पीलीभीत अखिलेश कुमार मिश्रा, डीएम खीरी शैलेंद्र कुमार सिंह, डीआरओ साउथ खीरी समीर कुमार, डीएफओ उत्तर खीरी अनिल कुमार पटेल,  एसपी खीरी रामलाल वर्मा, अपर जिलाधिकारी कासगंज राकेश कुमार,  एडीएम खीरी अरूण कुमार सिंह, सीतापुर एडीएम विनय कुमार पाठक, बहराइच एडीएम राम सुरेश वर्मा, एसडीएम मोतीपुर कीर्ति प्रकाश, धौरहरा एसडीएम आशीष कुमार मिश्रा, निघासन एसडीएम केशवनाथ गुप्त, परियोजना अधिकारी यूके सिंह, सीओ पलिया प्रदीप यादव, सिंचाई विभाग जेई दीपक कुमार तिवारी, तहसीलदार पलिया अनिल कुमार यादव, कोतवाल दीपक शुक्ला आदि मौजूद रहे।