मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम ने मणिपुर की राजधानी इंफाल में पीपल्स रिसर्जेंस जस्टिस एलायंस (प्रजा) नामक नई राजनीतिक पार्टी बनाई थी। वह इस साल मणिपुर के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना चाहती थी ताकि राज्य से विशेषाधिकार अधिनियम को खत्म कर सके।
इस चरण में सभी की नजरें थौबल निर्वाचन क्षेत्र में मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला के बीच मुकाबले पर टिकी हुई थी। लेकिन अच्छे परिणाम ना मिलने के कारण इरोम शर्मिला पार्टी से लेफ्ट हो गई हैं। इरोम ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम, 1958 के खिलाफ बीते साल अपने 16 साल लंबे अनशन को तोड़कर इस कानून को निरस्त करने के लिए राजनीति में प्रवेश किया था। उन्होंने कानून को संवैधानिक तरीके से खत्म करने का वादा किया था।
मणिपुर विधानसभा चुनाव के रिझान ने की घोषणा के दौरान सबसे ज्यादा रुझान कांग्रेस को मिल रही हैं। अब मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा, जिसमें अभी के चुनाव रुझान में कांग्रेस आगे चल रहा हैं,लेकिन अभी ये कहा नही जा सकता की राजनीतिक की कमान की आखिर किसके हांथ में होगीं।