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बहुत घातक होती है टाइप 2 डाइबिटीज

type-2-diabetes_58b92c35b73d8मोटापा और बीमारियों का एक ख़ास कनेक्शन होता है. हमेशा यह कहा जाता है कि फिट रहने के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम सिर्फ मोटापे से नहीं बचते बल्कि बहुत सी बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा होती है. फ़ास्ट फ़ूड कल्चर ने हमारी आदतें और खराब कर दी है. आज के युवा और बच्चे दिन भर टीवी के सामने या कंप्यूटर के सामने बैठे नजर आते हैं जिस कारण मोटापा उन्हें जल्दी घेर लेता है और डाइबिटीज जैसी घातक बिमारी उन्हें सौगात में मिल जाती है. आज हम टाइप 2 डाइबिटीज के बारे में बात करेंगे।

टाइप 2 मधुमेह से ग्रस्त लोगों का ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसको नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होता है। इस स्थिति में इंसान को अधिक प्यास लगती है, बार-बार मूत्र लगना और लगातार भूख लगना जैसी समस्यायें होती हैं। यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन इसे बच्चों में अधिक देखा जाता है। टाइप 2 मधुमेह में शरीर इंसुलिन का सही तरीके से प्रयोग नहीं कर पाता है। 15 साल के नीचे के लोग, खासकर 12 या 13 साल के बच्चों में यह दिखाई दे रही है। पुरुषों के मुकाबले यह महिलाओं में अधिक हो रही है। यह बीमारी उन लोगों को अधिक होती है जिनका वजन अधिक होता है, आनुवांशिक कारणों से भी यह हो सकता है।

इसके लक्षणों में रोगी को अधिक प्यास लगती है। कोई चोट या घाव लगने पर वह जल्दी ठीक नहीं होता है। डायबिटिज के लगातार अधिक बने रहने का प्रभाव आंखों की रोशनी पर पड़ता है, इसके कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी नामक बीमारी हो जाती है जिससे आंखों की रोशनी में कमी हो जाती है। मधुमेह की रोकथाम के लिए इंसुलिन दिया जाता है। इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन जो हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है।

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