बच्चे से कभी न कहें ये शब्द, पड़ सकता है उनके दिल पर बुरा असर
बच्चों का पालन पोषण करना कोई आसान काम नही है। बच्चे का हर छोटी से लेकर बड़ी हर चीज का बहुत ख्याल रखना पड़ता है। कहते हैं कि बच्चे के सामने अपने व्यव्हार में भी कुछ बदलाव लाना पड़ता है क्योंकि जिस तरीके से घर में बड़े बात करते हैं वही बात बच्चे भी कॉपी करते हैं। कई बार तो मां-बाप बच्चो की शरारतों से तंग आकर उन से कुछ ऐसी बातें कह देते हैं, जिसका उस उनके दिल पर पड़ता है। बच्चा मानसिक रूप से उस बात में दब कर रह जाता है। कुछ ऐसी बातें हैं जो उनके कोमल में बुरा प्रभाव डाल सकती हैं।
बात-बात पर ताना देना– पढ़ाई या किसी और बात में बच्चों को कभी भी ताना न दें। पहले की गई गलती की सजा को हर बार न जताएं। ऐसा करने से बच्चे का स्वभाव हमेशा के लिए गुस्से वाला या चिढ़चिढ़ा हो जाएगा।
खान-पान को लेकर न करें रोक-टोक– खाना खाने को लेकर कुछ बच्चे बहुत जिद्द करते हैं लेकिन कुछ बच्चे खाना बहुत पसंद करते हैं। उनके बढ़ते वजन के कारण मां-बाप को चिंता लगी रहती है और रोक-टोक करना शुरू कर देते हैं। कई बार तो मोटापे को लेकर मजाक भी उडा़ते हैं। ऐसा करने की बजाए उसे एक्सरसाइज करवाएं, गेम्स में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि मोटापा कम हो सके और फिजिकल फिटनेस भी बनी रहे।
मैं भी पढ़ाई में बुरा था– हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में अव्वल आए ताकि बड़ा होकर अपनी जिम्मेदारियां निभाते समय उसे कोई परेशानी न आए। बच्चा पढ़ाई को लेकर आनाकानी करे तो मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करें न कि यह शब्द कहें कि मैं भी पढ़ाई में बुरा था या थी। यह बात उसके मन में घर कर सकती है।
बात-बात पर पापा का डर– बच्चे अगर शरारत नहीं करेंगे तो उनका बचपन दब कर रह जाएगा। घर में रहने वाले लोग बच्चे की जरा सी शरारत पर भी पापा से शिकायत का डर बच्चे के मन में बना कर रखते हैं। यह शब्द बच्चे के मन में घर कर सकता है। इससे पिता और बच्चे के बीच दूरियां भी पैदा हो सकती हैं।