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फौजी की पत्नी के साथ इस हालत में था लवर, बाथरूम में ही मारी गोलियां

भावनगर: शहर के ज्वैल्स सर्कल के पास स्थित आरके अपार्टमेंट में एक सैनिक ने अपनी पत्नी और प्रेमी को गोली मार दी थी। मौके पर ही प्रेमी की मौत हो गई थी।img_20161123025628-1

 वहीं, लंबे इलाज के बाद पत्नी की जान बच गई थी। घटना 13 फरवरी 2015 की है, जिसका फैसला गुरुवार को आया। भावनगर की कोर्ट ने आर्मीमैन को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। र्मीमैन जिगरभाई व्यास आरके अपार्टमैंट में किराए के फ्लैट में रहता था। 13 फरवरी की शाम को जिगर अपने फ्लैट पर पहुंचा। उसने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन पत्नी ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर जिगर को शक हुआ तो वह दूसरी चाबी से दरवाजा खोलकर घर में दाखिल हुआ। जहां, बेडरूम में पत्नी चेतना और उसका प्रेमी न्यूड हालत में थे।
गुस्साए जिगरभाई ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से पहले चेतना के सीने में दो गाली मार दी थी। इसी बीच रणजीतसिंह न्यूड हालत में ही बचने के लिए बाथरूम में घुस गया था। जिगर बाथरूम का दरवाजा अंदर घुसा और रणजीत पर अपनी रिवॉल्वर खाली कर दी थी। रणजीत की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस दौरान घायल अवस्था में ही चेतना किसी तरह फ्लैट से नीचे आ गई थी और ऑटो रिक्शा लेकर पुलिस थाने पहुंच गई। पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया।
 पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या करने के बाद जिगर भी आत्महत्या करना चाहता था, लेकिन इसी बीच पुलिस थाने से घर पर फोन आ गया। जिगर ने पुलिस को सारी बात बताई और बताया कि अब वह भी आत्महत्या करने वाला है। पुलिस अधिकारी के समझाने पर जिगर मान गया और बेटी को लेकर सीधे पुलिस थाने पहुंच गया।
दोस्त थे जिगर और रणजीत
पुलिस जांच में पता चला है कि मृतक रणजीत और आरोपी जिगर दोस्त थे। भावनगर में प्लास्टिक का कारखाना चलाने वाला रणजीत भी विवाहित था। वहीं, जिगर सेना का जवान। दोनों परिवारों के बीच गहरी दोस्ती थी। आर्मीमैन होने के चलते जिगर अक्सर शहर से बाहर रहा करता था। इसीलिए उसने अपनी पत्नी और बच्ची की देखभाल की जिम्मेदारी रणजीत और उसकी पत्नी को दे रखी थी। इसी दरमियान चेतना और रणजीत के बीच अवैध रिलेशन बन गए।
बेवफा पत्नी की हत्या करने वाला आर्मी मेन जिगर हरेशभाई व्यास 15 साल से आर्मी में है। नाइन पेटा कमांडो, जिसमें गुजरात के दो लोगों में यह एक है। ताज पर हुए हमले के दौरान वह एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) के रूप में तैनात था। इस दौरान उसे एक गोली भी लगी थी। उसने दो आतंकियों को मौत के घाट उतारा भी था। उसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा मेडल भी दिया गया था। जिगर ने कुल 7 आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। तीन बार उसे गोली लगी। उसे 7 मेडल मिले थे। उसने नागालैंड और जम्मू-कश्मीर के मेंडर में भी अपनी बहादुरी दिखाई थी।
 

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