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प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी
मोहम्मदी सीएचसी में प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने सीएचसी स्टाफ पर पैसे मांगने व लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतका का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं मृतका के पति ने स्टाफ नर्स के विरुद्ध तहरीर दी है। उधर सीएचसी प्रशासन मृतका के परिजनों पर लापरवाही की बात कह रहा है।
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स्टाफ नर्स ने मांगे पैसे

नगर के मोहल्ला पूर्वी लखपेड़ा निवासी सोहित कुमार पुत्र स्व. राजेन्द्र प्रसाद ने कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा है कि वह अपनी पत्नी मंजू देवी को बच्चे की पैदाइश के लिए सीएचसी में बीती रात 11 बजे एम्बुलेंस से लेकर गया था। सीएचसी में उपसिथत स्टाफ ने उसकी पत्नी को भर्ती कर लिया तथा उपचार हेतु बाहर से दवाइयां लिख दी। 22 जुलाई को सुबह प्रसव पीड़ा होने पर उसकी पत्नी ने स्टाफ नर्स संजू से कहा कि हमें दर्द हो रहा है। तब स्टाफ नर्स ने कहा कि दर्द तो होता रहता है जब डिलीवरी होने वाली हो तब हमें बता देना बिना पैसे लिए हम मरीज को हाथ भी नहीं लगाते। जब तक हमें रूपये नहीं दोगे हम हाथ नहीं लगायेंगे। जब उसने रूपये देने में असमर्थता जताई तो उक्त नर्स उत्तेजित होकर बोली कि हम तुम्हारे बाप के नौकर नहीं है। काफी देर बाद नर्स डिलीवरी रूम में गई तब उसकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया जो लड़का था। उसनें 1000 रूपये उपचार के लिए संजू नर्स को दिये। संजू ने डिलीवरी के बाद उसकी पत्नी व पुत्र को जमीन पर लिटा दिया जिससे उसके बच्चे की मौत हो गई। बाद में उचित इलाज न मिलने पर उसकी पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। समाचार लिखे जाने तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। उक्त घटना के संबंध में सीएचसी अधीक्षक सुरेंद्र कुमार का कहना है कि मरीज आया था। 7:45 बजे महिला की डिलीवरी हुई। जच्चा-बच्चा की हालत खराब होने पर दोनों को जिला अस्पताल रेफर किया गया परंतु परिजन उन्हें नहीं ले गये। इसी दौरान दोनों की मौत हो गई।

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