नई दिल्ली। केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को ‘मवाली’ कहने वाले अपने बयान पर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि उनके बयान को गलत समझा गया है। अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।
कृषि कानून के खिलाफ पिछले कई महीनों से धरने पर बैठे किसानों पर गुरुवार को मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भड़क गईं। मीनाक्षी ने दोपहर को प्रेस वार्ता में कहा कि ये सिर्फ आढ़तियों द्वारा बैठाए हुए लोग हैं ताकि किसानों को कृषि कानून का फायदा न मिल सके। जब मीनाक्षी से 26 जनवरी को हुई घटना के बावजूद जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों को आने की इजाजत के बारे में पूछा गया तो वो भड़क गईं। उन्होंने कहा कि फिर किसान आप उन लोगों को बोल रहे हैं मवाली हैं वो। मीनाक्षी ने कहा कि 26 जनवरी को जो कुछ हुआ वो शर्मनाक था और विपक्ष द्वारा ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया गया।
विवादित बयान पर लेखी की सफाई
केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की तरफ से गुरुवार की दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीन नए कृषि कानूनों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को मवाली कहने पर चौतरफा आलोचना की जा रही है। इधर मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान को तोड़मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने बयान पर गुरुवार की शाम को सफाई देते हुए कहा कि मेरे शब्दों को तोड़ा मरोड़ा गया है। उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस का किसानों से कोई लेना-देना ही नहीं था। फिर भी अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।