हाइड्रोसील एक बीमारी होती हैं जो पुरुषों को होती हैं, जो टेस्टिकल में भी हो सकती हैं. यह एक टेस्टिकल या दोनों टेस्टिकल में भी हो सकती हैं. जब किसी कारण टेस्टिकल में पानी जमा हो जाता हैं तब टेस्टिकल की थैली फूल जाती हैं तो इसे ही हाइड्रोसील कहते हैं. हाइड्रोसील के ट्रीटमेंट में पानी को निकाल दिया जाता हैं. टेस्टिकल में जब ज्यादा पानी भर जाता हैं तब सूजन और दर्द की शिकायत होती हैं.
कुछ लोगो को हाइड्रोसील की समस्या जेनेटिक भी हो सकती हैं. हाइड्रोसील के ट्रीटमेंट में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती हैं. जब हाइड्रोसील का वॉल्यूम बढ़ जाए तब तकलीफ अधिक होती हैं, इस परिस्थिति में सर्जरी की जरूरत पड़ती हैं. एस्पीरेशन के जरिये भी हाइड्रोसील का ट्रीटमेंट किया जाता हैं. इसमें टेस्टिकल में जमा पानी बाहर निकाला जाता हैं. एस्पीरेशन करने के बाद होल बंद करने के लिए स्क्लिरोजिंग औषधि को इंजेक्ट करते हैं. जिसके बाद आने वाले समय में पानी जमा नहीं होता हैं.
यदि किसी को हाइड्रोसील इंग्वाइनल हार्निया हुआ हैं तब इसे सर्जरी के जरिये जल्दी ठीक किया जाना जरूरी हैं. इस तरह का हाइड्रोसील महीनों और सालों तक स्वतः समाप्त नहीं होता. हाइड्रोसिलोक्टोमी नामक सर्जरी से हाइड्रोसील ठीक किया जाता हैं. हाइड्रोसील का इलाज एस्पीरेशन और स्किलरोजिंग से करने पर कुछ तरह के खतरे हो सकते हैं. इसका कारण यह हैं कि टेस्टिकल के आसपास हल्का दर्द, इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है.