दरअसल, दलित समाज के लोग महराष्ट्र के पुणे में भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस की 200वीं सालगिरह के मौके पर अपने समाज के लोगों को श्रद्घांजलि देने पहुंचे थे। जहां, उन पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।
मायावती ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा के वर्तमान शासनकाल में देश के अलग-अलग राज्यों में दलितों पर जितनी भी जुल्म-ज्यादती हुई है। उन घटनाओं के एक भी दोषी को अभी तक सख्त सजा नहीं मिली है।
मायावती ने पुणे की हिंसा पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के रवैये को लापरवाही भरा करार दिया।
गौरतलब है कि महार समाज के लोग युद्घक रहे हैं और अंग्रेजों के समय सेना में रहकर उन्होंने काफी शौर्य अर्जित किया। हर वर्ष दलित समाज के लोग भीमा-कोरेगांव में पहुंचकर इन्हें श्रद्घांजलि अर्पित करते हैं।