चक्रवाती तूफान ‘वरदा’ सोमवार को तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के समुद्र तट तक पहुंचेगा. चक्रवात की आशंका से नौसेना को अलर्ट कर दिया गया है। तमिलनाडु के तटीय इलाकों में स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। बन्दरगाहों पर हमेशा ऐसे तूफान आते रहते हैं. तूफानों और इनकी सूचनाएं देने के लिए सिग्नल का इस्तेमाल किया जाता है। सिग्नल इन्हें खतरे से बचाते और आगाह करते हैं। हर देश में ये सिग्नल अलग-अलग तरीकों से दिए जाते हैं। कुछ देशों में तट पर झंडों के माध्यम से संकेत दिया जाता है। वहीं भारत में दिन और रात के लिए अलग तरह के सिग्नल का प्रयोग किया जाता है। दिन में सिलेंडर का प्रयोग किया जाता है. रात में लाल और सफेद लैंप का प्रयोग किया जाता है। साल 1864 में आए तूफानों के बाद कोलकाता और मछलीपट्टनम चक्रवात का संकेत देने के लिए एक चेतावनी व्यवस्था बनाई गई। पिछले साल कोलकाता तट पर पहला सिग्नल सिस्टम लगाया गया भारत के सिग्नल सिस्टम में 1 से 11 अंकों का प्रयोग किया जाता है। इन अंकों को जलपोतों को चेतावनी देने के लिए प्रयोग किया जाता है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) एक दिन में चार बार मौसम की जानकारी भेजते हैं. लेकिन जब चक्रवात आता है तब हर तीन घंटे में सूचना भेजी जाती है।
चक्रवाती तूफान से बचने के सिग्नल
सिग्नल 1-इस सिग्नल का मतलब है कि समुद्र में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. तट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. तेज हवा से सावधान रहना होगा. सतह पवन की रफ्तार 33 नॉट (करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटा) तक हो सकती है।
सिग्नल 2-ये संकेत तट से छूटने वाले जहाजों के लिए है. समुद्र में सुदूर दबाव बनने की आशंका है. सतह पवन की रफ्तार 34-47 नॉट (करीब 60-90 किमी प्रति घंटा) हो सकती है.
सिग्नल 3-तट पर हवा के तेज बहाव से प्रभावित हो सकता है. समुद्री दबाव बन चुका है और तट प्रभावित होने की आशंका. सतह पवन की रफ्तार 22-27 नॉट (40-50 किमी प्रति घंटा) तक हो सकती है।
सिग्नल 4-इस सिग्नल का अर्थ है कि बंदरगाह पर खड़े जहाजों को नुकसान पहुंच सकता है. सिग्नल 3 और 4 का सरल अर्थ है कि तट पर मौसम सही नहीं है. समुद्र के अंदर गहरा दबाव वाला क्षेत्र बन चुका है और वह बाद में तट को प्रभावित कर सकता है. सतह पवन की रफ्तार 28-33 नॉट (करीब 50-6- किमी प्रति घंटा) हो सकती है।
सिग्नल 6-इसमें चक्रवातीय तूफान तट बंदरगाह को दाएं तरफ रखते हुए गुजर सकता है।
सिग्नल 7-चक्रवात तट के निकट बंदरगाह तक पहुंच सकता है. सिग्नल 5, 6 और 7 का अर्थ है कि बंदरगाह पर खतरा है।
सिग्नल 8-चक्रवात बहुत तेज है या बहुत तेज रफ्तार चक्रवात आने की आशंका है और यह चक्रवात बंदरगाह को बाएं रखते हुए गुजरेगा। सतह पवन की रफ्तार 48-63 नॉट (करीब 90-120 किमी प्रति घंटा) हो सकती है।
सिग्नल 9-चक्रवात बहुत तेज है या बहुत तेज रफ्तार चक्रवात आने की आशंका है और यह चक्रवात बंदरगाह को दाएं रखते हुए गुजरेगा. सतह पवन की रफ्तार 48-63 नॉट (करीब 90-120 किमी प्रति घंटा) हो सकती है।
सिग्नल 10-चक्रवात बहुत तेज और बंदरगाह तक पहुंच सकता है. सतह पवन की रफ्तार 64-119 नॉट (करीब 120-220 किमी प्रति घंटा) हो सकती है।
सिग्नल 11-चक्रवात चेतावनी दफ्तर से संपर्क की सभी कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। 120 नॉट (करीब 220 किमी प्रति घंटा) से अधिक रफ्तार की सतह पवन को ‘सुपर चक्रवात’ कहते हैं।