देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
हिन्दू-मुस्लिम एकता को लेकर किन्नरों द्वारा ‘न हिंदू बनूंगा न मुसलमान बनूंगा, इंसान की औलाद हूं इंसान बनूंगा कार्यक्रम के तहत हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में कई राज्यों के किन्नरों ने भाग लिया।
- आपको बता दें कि हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर किन्नरों द्वारा समय-समय पर अलग-अलग जिलों में सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में 55 वर्षों के अंतराल के बाद लखीमपुर खीरी के कृष्णा मैरिज हाल में हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर किन्नरों ने एक सम्मेलन का आयोजन किया।
- इस सम्मेलन में दिल्ली, राजस्थान जयपुर, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किन्नरों ने भाग लिया। किन्नरों ने शहर के भुईफोरवानाथ मंदिर में जाकर पहले तो पूजा-पाठ की। इसके बाद जुलूस निकालकर हिंदू-मुस्लिम एकता को बनाए रखने की अपील की।
- करीब 55 वर्षों पहले शाहजहांपुर में ऐसे एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसके बाद खीरी पहला जिला है जिसमें ऐसे सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
- किन्नर किरन की मानें तो ऐसे सम्मेलनों के आयोजन से न सिर्फ किन्नरों को सम्मान मिलता है बल्कि मानवता की एक नई मिशाल पेश होती है। ऐसे सम्मेलनों का आयोजन समय-समय पर होते रहना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि ऐसे सम्मेलन लम्बे समय बाद ही हो पाते हैं।
- किन्नर देश की प्रगति में हमेशा योगदान देते हैं। खीरी में हुए इस सम्मेलन में एक बार फिर जहां एक बार फिर किन्नरों को सम्मान दिया है तो वहीं हिंदू-मुस्लिम एकता का परचम भी लहराया है। कुल मिलाकर लखीमपुर में हुआ यह सम्मेलन आज देश में एक उदाहरण बना है कि किन्नरों की तरह हिंदू-मुस्लिम भी एक छत के नीचे भी सम्पन्नता देश के संविधान को मानते हुए देश की प्रगति में योगदान कर सकते हैं।
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