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नीति आयोग की बैठक में सीएम रावत ने मोदी सरकार से मांगे 7650 करोड़ रूपए

trivendra-rawatदेहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नीति आयोग की बैठक में केंद्र सरकार से ग्रीन बोनस समेत 7650 करोड़ रुपयों की मांग की है। सीएम रावत ने कहा कि चूंकि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है जिसकी वजह से राज्य हर साल देश व दुनिया को 40 हजार करोड़ रुपये की पर्यावरणीय सेवाएं देता है इसलिए प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से कम से कम 10 प्रतिशत यानी 4000 करोड़ रुपये सालाना ग्रीन बोनस के रूप में मिलना चाहिए।

उत्तराखंड के लिए सीएम रावत ने 1650 करोड़ रूपए की मांग की

साथ ही मुख्यमंत्री रावत ने केंद्र सरकार से 2000 करोड़ रूपए सालाना 14वें वित्त आयोग की रिकमंडेशन से हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में मांगे हैं। इसके अलावा लंबे समय से जलविद्युत परियोजनाओं से हो रहे नुकसान की के मुआवजे के रूप में भी 1650 करोड़ रुपये सालाना की मांग केंद्र सरकार से की गई है।

रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित नीति आयोग की बैठक में सीएम रावत ने न सिर्फ ग्रीन बोनस जैसे मुद्दों की मांग की बल्कि उन्होंने जीएसटी जैसे मुद्दे पर भी चर्चा की। रावत ने कहा कि राज्य सरकार जीएसटी को पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि अभी तक 78 प्रतिशत व्यापारी जीएसटी के तहत पंजीकृत हो चुके हैं। इसके साथ ही रावत ने बताया कि जीएसटी जल्द ही विधानसभा में पारित किया जाएगा। उधर, मुख्यमंत्री रावत ने पहाड़ी राज्यों का पक्ष लेते हुए नीति आयोग की बैठक में यह भी कहा कि इन राज्यों के लिए केंद्र सरकार को एक अलग मंत्रालय या नीति आयोग में ही प्रकोष्ठ बनाना चाहिए।

सीएम रावत ने यह भी कहा कि राज्य की जियोग्राफिकल सिचुएशन, इंटरनेशनल बॉर्डर व संवेदनशीलता को देखते हुए प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विकास की जरूरत है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम को व्यवहारिक बनाया जाना चाहिए।

बैठक में मुख्यमंत्री रावत ने डिजिटल उत्तराखंड का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि अब चाहे निर्वाचन आयोग हो या राज्य परिवहन मंत्रालय, हर कोई ऑनलाइन सेवाएं मुहैया करा रहे हैं। रावत ने बताया कि ई-गवर्नेंस के तहत सभी 13 जनपदों में ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं प्रदान की जा रही हैं जिसके चलते अब तक राज्य में एक करोड़ 4 लाख 6 हजार लोगों के आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं।

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