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निठारी कांड: 8वें केस में CBI कोर्ट ने पंढेर और कोली को सुनाई फांसी की सजा

नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई गई है. गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 20 वर्षीय पिंकी सरकार रेप 

 

 

और मर्डर केस में पंढेर और सुरेंद्र कोली को दोषी पाया था. साल 2006 में हुए निठारी कांड का यह 8वां केस है, जिसमें दोनों को सजा सुनाई गई है.

नोएडा के निठारी की रहने वाली पिंकी सरकार के अपहरण, रेप और हत्या करने के मामले में सीबीआई ने पंढेर और कोली को आरोपी बनाया था. निठारी कांड के अन्य मामलों में कोली को फांसी की सजा मिल चुकी है, लेकिन पंढेर अब तक जमानत पर बाहर था. पंढेर को हत्या और रेप सहित साजिश रचने का दोषी पाया गया है.

साल 2006 में देश को झकझोर देने वाला निठारी कांड अभी भी लोगों के जेहन में कड़वी याद के तौर पर जिंदा है. निठारी स्थित कोठी नंबर D-5 के बाहर उस वक्त सैकड़ों लोग जमा हो गए, जब कोठी के पीछे स्थित नाले से एका एक कई कंकाल और खोपड़ियां मिलने लगीं. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे, जिन्हें सुनकर लोग कांप गए.

इस मामले में कोठी के मालिक मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली आरोपी थे. निठारी पुलिस लगातार लापता हो रहे बच्चों को लेकर पहले से ही परेशान थी. पुलिस ने 29 दिसंबर, 2006 को निठारी कांड का खुलासा करते हुए कोठी नंबर D-5 से मनिंदर सिंह पंढेर और उनके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था.

कोली की निशानदेही पर पुलिस ने कोठी से बच्चों की चप्पल, कपड़े और बाकी सामान बरामद किया था. इस घटना का खुलासा होने के बाद लापता लोगों के परिजन भी कोठी नंबर D-5 पहुंचे थे. उन्होंने वहां से मिले कपड़ों की पहचान की थी. लोगों का गुस्सा बढ़ते देखकर यूपी सरकार ने इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था.

सीबीआई ने सुरेंद्र कोली के खिलाफ युवती का अपहरण, रेप और हत्या का मुकदमा दर्ज किया. सीबीआई ने 46 गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए. वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से महज 3 गवाह पेश किए गए. बताते चलें कि इस जघन्य अपराध के दोषी सुरेंद्र कोली को अब तक 7 मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.

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