Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

नहीं रहे डरावनी फिल्मों के शहंशाह ​कुमार रामसे

हिंदी सिनेमा में 80 और 90 के दशक में हॉरर फिल्मों के बेताज बादशाह माने जाने वाले रामसे ब्रदर्स में से एक कुमार रामसे का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 85 वर्ष के थे। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है।

बॉलीवुड में जब रोमांटिक फिल्मों का दौर था तब कुमार रामसे ने रिस्क लेते हुए अपने भाइयों के साथ मिलकर कई हॉरर फिल्मों का निर्माण किया और ये फ़िल्में दर्शकों बीच काफी पसंद भी की गईं । कहा जाता है कि कुमार रामसे की वजह से बॉलीवुड में ज्यादा हॉरर फिल्मों को चलन शुरू हुआ था।

कुमार रामसे निर्माता एफयू रामसे के बेटे और सात भाइयों में सबसे बड़े थे। उन्होंने अपने भाई तुलसी, श्याम, केशु, किरण, गंगू और अर्जुन के साथ मिलकर हॉरर फिल्मों की शैली से लंबे समय तक बॉलीवुड पर राज किया। इन सभी भाइयों ने रामसे ब्रदर्स के बैनर तले 70 और 80 के दशक में कम बजट की कई कल्ट हॉरर फिल्में बनाईं। कुमार रामसे ने “पुराना मंदिर” (1984), “साया” (1989), और “खोज” (1989 ) जैसी कई फिल्मों में अपनी पटकथा से दर्शकों के दिलों को जीता था।इसके अलावा कुमार रामसे ने “और कौन?” (1979) और 1981 में “दहशत” जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस किया था। कुमार रामसे का निधन हिंदी सिनेमा की अपूरणीय क्षति है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.