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दिल्ली-NCR में पटाखों पर बैन के उपरान्त, कारोबारियों ने अपनाया ये तरीका…

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के मौके पर पटाखों पर बैन लगाए जाने के बाद कारोबारियों ने अपने स्टॉक को निकालने के लिए नए तरीके ईजाद कर लिए हैं। कारोबारियों ने अपने स्टॉक को निकालने के लिए बेचने की बजाय गिफ्ट करने का तरीफा ढूंढ निकाला है। इसके अलावा दुकान सजाने और उस पर बेचने की बजाय कारोबारी ऑनलाइन पटाखा बेचने की तैयारी में हैं। यही नहीं पटाखा ऑर्डर करने वाले लोगों के घरों पर ही इनकी सीधी डिलिवरी की व्यवस्था भी है। पटाखा कारोबारियों ने 3,000, 5,000 और 10,000 रुपये के प्लान पेश किए हैं। इन ऑर्डर्स पर कारोबारी पटाखों की होम डिलिवरी करेंगे। 

कुछ ऑनलाइन स्टोर्स पर कस्टमर्स से कहा जा रहा है कि वे वॉट्सऐप पर अपना ऑर्डर दें। यही नहीं पटाखा खरीदने वालों को 50 पर्सेंट का भुगतान अडवांस में करना होगा और उन्हें दिवाली से एक दिन पहले तक पटाखों की डिलिवरी हो जाएगी। यही नहीं गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के विरोध में दायर याचिका पर होने वाली सुनवाई से भी कारोबारियों को कोई हल निकलने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के सदर बाजार मार्केट में पटाखा बेचने वाली दुकानों पर चीनी लाइटें और मिट्टी के दीये सजे हुए हैं। पटाखों के बारे में पूछने पर दुकानदार पहले तो सीधे मना कर देते हैं, लेकिन आगे बात करने पर कुछ दुकानदार ऑनलाइन पेमेंट के बदले में पटाखे बेचने की बात करते हैं।

ऑनलाइन करें पूरी पेमेंट, तभी होगी डिलिवरी
buyonlinecrackers.com पर ऑर्डर देने वाले एक ग्राहक को बताया गया, ‘हमने कीमतें कम कर दी हैं। आपको बल्क में ऑर्डर करना होगा और अडवांस पैसे देने होंगे। आपके पास दिवाली से पहले सामान की डिलिवरी हो जाएगी।’ वहीं, पटाकेवाला जैसी पॉप्युलर साइट पर जाने वाले ग्राहकों ने बताया कि उन्हें दिल्ली-एनसीआर में डिलिवरी से मना कर दिया गया। हालांकि इस क्षेत्र से बाहर के किसी पते पर सामान मंगाया जा सकता है। पूर्वी दिल्ली के विशाल इंटरप्राइजेज के एक रिप्रजेंटेटिव ने बताया, ‘आपको 5,000 रुपये तक का ऑर्डर प्लेस करना होगा और उसका स्क्रीनशॉट भेजना होगा। आपको पेमेंट पेटीएम या अन्य किसी ई-वॉलिट के जरिए करनी होगी। पूरी पेमेंट मिलने के बाद ही डिलिवरी की जाएगी।’ 

लाइसेंस जारी होने के बाद मंगा लिया था स्टॉक
दिल्ली पुलिस ने इस साल 400 पटाखा कारोबारियों को लाइसेंस जारी किए थे, लेकिन बुधवार को अधिसूचना जारी करने के बाद उन्हें रद्द कर दिया गया। पहाड़गंज के एक कारोबारी ने बताया, ‘हमें दिवाली से दो महीने पहले लाइसेंस मिले थे और उसके अनुसार ही हमने अपना स्टॉक मंगा लिया था। यह बैन लाइसेंस जारी किए जाने के बाद भी लगाया जा सकता था। अब इसमें से ज्यादातर को हम मित्रों और रिश्तेदारों में बांट देंगे।’ यही नहीं उन्होंने पटाखों की होम डिलिवरी करने की भी बात कही। 

लाखों का स्टॉक गोदामों में पड़ा
एक अन्य दुकानदार दिनेश ने कहा, ‘हमें अपना स्टॉक खत्म करने की जरूरत होगी। यदि कोर्ट अपने आदेश पर बना रहता है तो हमें कुछ तरीके ढूंढने होंगे। हम पूरे साल इसलिए बचत करते हैं ताकि दिवाली में दुकान सजा सकें, लेकिन अचानक लगे इस बैन ने हमें बहुत विपरीत स्थिति में डाल दिया है।’ सदर बाजार में दुकानदारों ने गोदामों में पटाखों का स्टॉक रखा है और इनकी कीमत लाखों में है। 

‘आलू’ बना सुतली बम, ‘पेंसिल’ हुआ रॉकेट
पटाखा कारोबारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की काट तलाशने में जुट गए हैं। अपने माल को खपाने के लिए वे मोहल्लेवार एजेंटों की चेन तैयार कर रहे हैं। पटाखे के एक पैकेट पर कमिशन का रेट 10 से लेकर 500 रुपये तक है। डिलीवरी होने वाला पटाखा जितना बड़ा और महंगा होगा, उस पर उतना ही अधिक कमिशन मिलेगा। इसके अलावा कोड वर्ड का सहारा लिया जा रहा है। इसमें आलू का मतलब सुतली बम तो पेंसिल का रॉकेट है। वहीं, माल की ब्रैंडिंग वॉट्सऐप के जरिये की जा रही है। एक खुदरा पटाखा कारोबारी ने बताया कि मोहल्ले की बड़ी दुकानों को टारगेट किया जा रहा है। दरअसल इन पर बड़ी संख्या में ग्राहक आते हैं। एजेंट उनसे संपर्क कर माल बुक कर रहे हैं।