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दिलाबरनगर में लगी फिर आग,आग के कारणों का नहीं लग सका पता

देव श्रीवास्तव

मोहम्मदी-खीरी।

करीब दो साल पहले आग का मंजर झेल चुके दिलाबरनगर के लोग अभी उबर भी नहीं सके थे कि अचानक एक बार फिर इस गांव में आग ने कोहराम मचा दिया। झुग्गी-झोपडिय़ां डालकर रह रहे लोगों के आशियाने फिर से आग ने छीन लिए। पूरा गांव खुल आसमान के नीचे नजर आ रहा है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है।

जानकारी के अनुसार, बरवर चैकी क्षेत्र के ग्राम दिलाबर नगर में लगभग 10 बजे अचानक झोपड़ी में आग लग गई। आग की लपटें उठती देख गांव में कोहराम मच गया। जब तक ग्रामीणों ने एकजुट होकर आग बुझाने का प्रयास शुरू किया तब तक आग एक के बाद एक अन्य आशियानों को अपनी आगोश में लेती चली गई। इस अग्निकांड में लगभग 70-80 गरीबों की झोपडिय़ां व उसमें रखा सामान आदि जलकर खाक हो गया।

खेतों पर काम कर रहे किसानों ने तत्काल बरवर नगर पंचायत चैयरमैन व नगर पंचायत को सूचना दी। सूचना मिलते ही नगर पंचायत ने अपना वाटर टैंक भेजकर आग बुझाने की कवायद शुरू की। इससे वहां रह रहे कुछ लोग अपनी कुछ जरूरत की चीजें बचाने में कामयाब हो सके। इस आग से बहां पर रह रहे सभी परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए। तन पर पड़े कपड़ों के सिवाए कुछ नहीं बचा। अनाज, कपड़े, गद्दे रजाई व अन्य घरेलू सामान सबका सब आग में जल गया। वहीं आग से जलकर दो मवेशी भी मर गए।

गैस सिलेंडर ने और प्रचंड की आग

मोहम्मदी-खीरी। एक झोपड़ी में आग लग जाने के बाद लोगों ने उसे बुझाने की पुरजोर कोशिश की। हालांकि तेज हवा काम में रोड़ा अटकाती रही। लेकिन उस वक्त स्थिति और प्रचंड हो गई जब जल रही झोपडिय़ों में रखे दो गैस सिलेंडरों में विस्फोट हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस विस्फोट से आग और फैल गई। जिससे आस-पास के तमाम घर आग की चपेट में आकर जलने लगे। ऐसा होते ही हड़कम्प और मच गया।

दो साल बाद मिला फिर वही दर्द

मोहम्मदी-खीरी। वर्ष 2016 में भी गांव के लोग आग की त्रासदी झेल चुके हैं। बताया जाता है कि उस वक्त भी लगी आग ने जमकर तांडव किया था। गांव के सभी कच्चे-पक्के घर तो तबाह हुए ही थे वहीं मवेशियों को जान से भी हाथ धोना पड़ा था। तब से यहां के लोग उबर नहीं सके थे। सभी लोग झोपड़ी बनाकर गुजर-बसर कर रही थी। जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट ही रही थी कि अचानक आग ने एक बार फिर उन्हें उसी रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया।

गर्मी में बरतें सावधानीः विशेषज्ञ

लखीमपुर-खीरी। गर्मी के कदम रखते ही शुरू हुए अग्निकांडों पर एक्सपर्ट ने अपनी विशेष राय दी। एक्सपर्टों ने सुझाव दिया कि ज्यादातर आग सुलगती राख, जलती माचिस की तीली या फिर बीड़ी व सिगरेट की वजह से लगती है। इसलिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। राख, तीली और बीड़ी-सिगरेट फेंकने से पहले संतुष्ट हो लें कि वह पूरी तरह बुझी है या नहीं। चूल्हे की राख को ऐसे स्थान पर नहीं फेंकना चाहिए जहां से आग लगने का डर हो। बालू को आग बुझाने के लिए जरूर रखें।