Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

….तो इस वजह से मुलायम सिंह यादव ने राज्यपाल से की मुलाकात

लखनऊ। यूपी की सियासत में शनिवार को इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई कि आखिर मुलायम सिंह यादव राज्यपाल से क्यों मिले। लोग तरह तरह की चर्चाएं करने लगे। काफी देर तक किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की। देर शाम राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि मुलायम सिंह यादव राज्यपाल से मिले थे; पर यह उनकी औपचारिक मुलाकात थी।

पिछले दिनों मुलायम सिंह यादव फिर से अपने पुत्र सपा मुखिया अखिलेश यादव से नाराज हो गए हैं। उन्हें पार्टी की चिंता है। वे सपा नेता शिवपाल सिंह याादव को लेकर भी काफी संवेदनषील हैं। अखिलेष यादव ने सपा मुखिया बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव और उनके नजदीकी अमर सिंह को किनारे कर दिया था। मुलामय सिंह यादव की ऐसे में राज्यपाल से मुलाकात काफी चर्चा का विषय रही।

राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से आज राजभवन में वरिष्ठ समाजवादी नेता, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद मुलायम सिंह यादव ने शिष्टाचारिक भेंट की। उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव के जन्मदिवस पर राज्यपाल ने उनके विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास जाकर बधाई दी थी तथा राजभवन आने का आमंत्रण दिया था।

राज्यपाल से मिले आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज राजभवन में आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने शिष्टाचारिक भेंट की। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन कानपुर में 10 दिसम्बर, 2017 को आयोजित एक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु आये है तथा आज राजभवन लखनऊ में रात्रि विश्राम करेंगे।राज्यपाल ने श्रीलंका जाने वाले प्रतिनिधिमण्डल को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्रीलंका से भारत के पुराने संबंध हैं।

पत्रकारों के दल के श्रीलंका जाने से एक नये सेतु का निर्माण होगा। बाबा साहब भीमराब आंबेडकर को दीक्षा देने वाले बौद्ध धर्मगुरूओं में से एक धर्मगुरू भदन्त प्रज्ञानन्द 13 वर्ष की उम्र में श्रीलंका से भारत आये थे। श्रीलंका की अशोक वाटिका से भारत के लोगों का विशेष लगाव है। राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रकार के आयोजन से भारत और श्रीलंका के आपसी संबंधों में एक नया अध्याय जुडे़गा। उन्होंने प्रतिनिधिमण्डल को श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री मैथरिपाला सीरिसेना को भेंट करने के लिए अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ की स्वहस्ताक्षरित अंग्रेजी प्रति दी।