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…तो इस वजह से भाजपा सरकार के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किले….

जीएसटी और नोटबंदी जैसे मुद्दे भाजपा सरकारों के लिए अभी तक गलफांस बने हुए है। वहीं गुजरात व राजस्थान जैसे राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव और उपचुनाव की तैयारी है वहां आरक्षण का विषय पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
दरअसल गुजरात में पाटीदार तो राजस्थान में गुर्जर समुदाय भाजपा के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चुनौती बन गया है। गौरतलब है कि राजस्थान में तीन महत्वपूर्ण उपचुनाव होने है। लेकिन गुर्जर समुदाय अब सरकार पर आरक्षण के विषय पर केवल टाइम पास करने का आरोप लगा रहा है। यहीं गुर्जर समुदाय के नेताओं ने आगामी उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करने का निर्णय कर लिया।
 

उपचुनाव में अहम भूमिका में गुर्जर

दरअसल आरक्षण की लंबे समय से मांग करे गुर्जर समुदाय के नेताओं की बुधवार को एक बार फिर से सरकार से हुई वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला है। इसी से नाराज गुर्जर नेता वार्ता बीच में छोड़कर आंदोलन की चेतावनी देते हुए निकल गए। अब भाजपा नेतृत्व के सामने संकट पैदा हो गया है ​यदि गुर्जर पुन: आंदोलन की राह पकड़ते है तो आने वाले चुनाव में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है।
क्योंकि अजमेर व अलवर के लोकसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में गुर्जर समुदाय खासा प्रभाव रखता है। वहीं मांडलगढ़ ​विधानसभा सीट की जीत-हार में भी गुर्जर अहम भूमिका निभाएंगें।