नई दिल्ली : पहले खाड़ी के देशों के पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते हुआ करते थे, लेकिन लगातार आतंकियों की मदद करने की वजह से अब उसके दोस्त ही उससे दूरी बनाने में लगे हुए हैं। इसका ताजा उदाहरण कतर का पाकिस्तान को अपनी महत्वपूर्ण योजना से दूर रखना। कतर ने अपनी नई योजना में भारत और चीन को शामिल किया है, लेकिन पाकिस्तान का कहीं नाम तक नहीं है।
GCC में शामिल अन्य देश कुवैत ने साल 2011 से ही पाकिस्तान पर वीजा प्रतिबंध लगा रखे हैं। हालांकि, वीजा पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं, लेकिन पाकिस्तानियों को कुवैत जाने के लिए काफी सख्त जांच से गुजरना पड़ता है। पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने खुद इसी साल मार्च में इस मामले को कुवैती सरकार के सामने उठाया, लेकिन इस प्रतिबंध की समीक्षा के वादे के बावजूद पाकिस्तान अभी भी प्रतिबंधित सूची में शामिल है।
साल 2015 में पाकिस्तान ने यमन के खिलाफ सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पाक को संयुक्त अरब अमीरात प्रशासन की तरफ से काफी विरोध भी झेलना पड़ा था। कतर को आतंकियों को समर्थन देने के आरोप में खाड़ी देशों से अलग-थलग करते वक्त भी पाकिस्तान के सबसे बड़े सहयोगियों में से एक सऊदी ने इस्लामाबाद से रियाद और दोहा के बीच में किसी एक को चुनने के लिए कहा था।