अंकारा : तुर्की की अदालत ने मानवीय सहायता सामग्री ले जा रहे मावी मरमरा पोत पर मई 2010 में इजरायली हमले से संबंधित एक मामले को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
अदालत ने इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय जलसीमा में तुर्की के 10 कार्यकर्ताओं की हत्या के सभी इजरायली संदिग्धों को रिहा करने का आदेश दिया।
इस घटना की वजह से कभी तुर्की और इजरायल के संबंधों में तनाव बढ़ा गया था, लेकिन हाल के दिनों में दोनों देशों ने एक बार फिर संबंधों को सुधारने की इच्छा जताई है, जिसके मद्देनजर दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ।
पिछले सप्ताह अभियोजन पक्ष ने इसी समझौते का हवाला देते हुए अदालत से इस मामले में फंसे इजरायली सेना के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आरोप खारिज करने की अपील की थी।
हालांकि पीड़ितों के परिवारों ने अदालत से तुर्की और इजरायल के बीच हुए समझौते को तवज्जो नहीं देने की अपील करते हुए इसे निरस्त करने के लिए शीर्ष वैधानिक प्राधिकार के पास भेजने को कहा था। अदालत ने लेकिन पीड़ित परिवारों के वकीलों की मांग खारिज कर दी।
मावी मरमरा सहायता पोत से तुर्की के कार्यकर्ता गाजापट्टी में मानवीय सहायता प्रदान करने जा रहे थे। लेकिन फिलीस्तीनी क्षेत्र में जहाज के पहुंचने से पहले ही इजरायली सैनिकों ने 31 मई, 2010 को समुद्र में इस पर हमला कर दिया। इसमें तुर्की के नौ कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। एक अन्य गंभीर रूप से जख्मी कर्यकर्ता ने कई साल तक कोमा में रहने के बाद 2014 में दम तोड़ दिया।