यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार पे ऐप को लांच करने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इस पेमेंट ऐप को बढ़ावा देने के लिए सरकार छोटे और मझोले दुकानदारों को एक फीसदी तक का इंसेंटिव देगी, जो इसका इस्तेमाल भुगतान के लिए करेंगे। इसके अलावा दुकानदारों को कोई ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं देना पड़ेगा, ना ही पीओएस मशीन का खर्च लगेगा।
इन बैंकों ने तैयार किया आधार पेमेंट सिस्टम
यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने बताया कि इस सिस्टम को शुरू करने के लिए अभी तक आ रही सबसे बड़ी अड़चन को दूर कर लिया गया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक ने आधार पर आधारित पेमेंट सिस्टम तैयार कर लिया है, जबकि आईसीआईसीआई बैंक और पीएनबी समेत 11 और बैंक भी इसकी तैयारी में लगे हैं।
बिना डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेटबैंकिंग और वॉलेट के होगी खरीददारी
इस ऐप के लांच हो जाने के बाद कोई भी व्यक्ति बिना डेबिट कार्ड-क्रेडिट कार्ड, नेटबैंकिंग और वॉलेट के किसी भी तरह की खरीददारी कर सकेगा। नोटबंदी के बाद डेबिट-क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग व अन्य वॉलेट के जरिए होने वाले भुगतान में बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन गांवों और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को अभी भी डिजिटल भुगतान करने में परेशानी हो रही है।
पांडेय ने बताया कि अगले कुछ ही हफ्तों में यह ऐप लॉन्च हो जाएगा। आधार कार्ड से जुड़े खातों का इस्तेमाल पेमेंट के लिए हो सकेगा। पेमेंट के लिए केवल फिंगरप्रिंट की आवश्यकता होगी। पांडेय ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश में इसे पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर चला के देखा जा रहा है। वहां पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान में दुकानदार आधार के जरिये पेमेंट ले रहे हैं।’ पांडेय ने बताया कि अभी तक के रिजल्ट उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं।
इस ऐप के प्लेटफार्म पर लांच होगा आधार पे
पांडेय ने बताया कि इस पेमेंट ऐप को अलग से लांच नहीं किया जाएगा। इसके लिए एनपीसीआई द्वारा 30 दिसंबर को लांच किए गए भीम ऐप के प्लेटफॉर्म पर ही इसको जारी किया जाएगा। लेकिन इससे जुड़े सुरक्षा के पहलू को भी देखना होगा। साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने अमर उजाला को बताया कि इसमें चार पहलूओं पर गौर करना होगा। पहला, निजता का हनन न हो। दूसरा, सुरक्षा के क्या मानक इस्तेमाल किए गए हैं। तीसरा, बॉयोमेट्रिक डाटा स्टोर कहां पर होगा। अगर यह प्राइवेट लोगों को दी गई मशीन में स्टोर रहेगा तो इसके दुरूपयोग की संभावना है। चौथा, इससे लोगों को कार्ड, नेटबैंकिंग में होने वाले फ्रॉड से मुक्ति मिलेगी।