Lakhimpur/Dev Srivastava: ओयल,चार सौ वर्ष पुराने आस्था के प्रतीक मेढक मंदिर से बीती रात चोरों ने अष्टधातु से निर्मित राधा जी की मूर्ति को पार कर दिया। महज चार दिन में मूर्ति चोरी की यह दूसरी घटना है। इससे पहले सदर कोतवाली क्षेत्र की ही चौकी शारदानगर में चोरों ने अष्टधातु के धोखे में तीन मूर्तियों को चुराया था। ओयल कस्बे में अष्टधातु मूर्ति की चोरी होने की खबर जब इलाके में फैली तो लोगों में आक्रोष दिखाई दिया।
जानकारी के अनुसार, कस्बा स्थित चार सौ वर्षों पुराना प्रसिद्ध मेढक मंदिर में स्थित राधा कृष्ण मंदिर में स्थापित अष्टधातु की राधा-कृष्ण मूर्तियों में से राधा जी की मूर्ती चोरी हो गयी। शनिवार की रात चोरों ने मंदिर के जीने के दरवाजे की कुंडी निकाल कर राधा कृष्ण मंदिर में प्रवेश किया तथा मंदिर में रखी राधा कृष्ण मूर्तियों में से राधा जी की लगभाग बीस किलो की मूर्ति तथा पूजा की दो थाली उठा ले गए। इसके बाद चोरों ने मेढक मंदिर में रखे दान पात्र को भी पार कर दिया जिसमें दान के रुपए भी थे।
पुलिस जुटी जांच में
मंदिर के मुख्य पुजारी शांति मिश्रा पास में स्थित अपने गांव मोतीपुर गए थे तथा मंदिर के पास के कमरे में कोठी नंबर दो से आये पुजारी राम पाल अवस्थी सो रहे थे। सुबह उठने पर पुजारी रामपाल अवस्थी को जब मंदिर में राधा जी की मूर्ति नहीं मिली तो इसकी सूचना रानी साहिबा को दी। स्थानीय लोगों को जब इसकी सूचना हुई तो मंदिर में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। रानी साहिबा ने घटना की सूचना पुलिस के अधिकारियों तथा पुलिस चौकी ओयल को दी। घटना की सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंचे सीओ सदर निर्मल कुमार विष्ट, एसओ खीरी जावेद अख्तर व ओयल चौकी प्रभारी संतोष कुमार यादव ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। मंदिर के मुख्य पुजारी शांति मिश्रा तथा दूसरे पुजारी रामपाल अवस्थी से पूछताछ की।
मूर्ति की कीमत करीब एक करोड़
बताया जा रहा है जो मूर्ति चोरी हुई है लगभग बीस किलो की होगी और उसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है|घटना की जांच की जा रही है। जल्द ही इसका खुलासा कर दिया जायेगा। फिलहाल राधा जी की मूर्ति की चोरी रहस्यमय बनी हुयी है। इसके पहले लगभग 15 वर्ष पूर्व मेढक मंदिर का आधा छत्र कट गया था। पुलिस आज तक उसका पता नहीं लगा पाई है।