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चंद्रग्रहण 31 जनवरी, 2018: जानें क्या है ब्लू मून और सुपर मून

चंद्रग्रहण तो वैसे हर साल लगता है लेकिन इस साल का चंद्रग्रहण बहुत खास है। एशिया में 35 सालों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब ब्लू मून, ब्लड मून और सुपर मून एक साथ दिखेगा। आम दिनों में दिखने वाले चंद्रमा के मुकाबले यह काफी चमकीला और बड़ा होगा। दावा है कि पूर्णिमा के चांद की तुलना में यह 30 फीसदी ज्यादा चमकीला और 12 फीसद बड़ा होगा। भारत में चंद्रग्रहण 5.18 मिनट से लेकर 8.41 मिनट्स तक दिखेगा। चंद्रग्रहण 31 जनवरी, 2018: जानें क्या है ब्लू मून और सुपर मून

इस साल और खास बात यह है कि एशिया में करीब 35 सालों बाद चंद्रमा तीन रंगों सुपर मून, ब्लू मून और ब्लड मून में दिखेगा। इस तरह का संयोग एशिया में 30 दिसंबर, 1982 को बना था। आइये आज जानते हैं कि सुपर मून, ब्लू मून और ब्लड मून क्या होता है। 

सुपर मून
सुपर मून उस स्थिति में होता है जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी घटती है और पृथ्वी सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति को सुपर मून कहा जाता है। इस स्थिति में चंद्रमा बहुत बड़ा और चमकीला दिखता है। 

ब्लू मून
इस स्थिति में पूर्ण चंद्रमा दिखता है लेकिन चंद्रमा के निचले हिस्से से नीला प्रकाश निकलता दिखेगा। इसे ब्लू मून कहा जाता है। माना जाता है कि अगला ब्लू मून 2028 और 2037 में दिखेगा। 

ब्लड मून
इस स्थिति में पृथ्वी की छाया पूरे चंद्रमा को ढंक लेता है लेकिन फिर सूर्य की कुछ किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं। जब सूर्य की किरणे चंद्रमा पर गिरती हैं तो यह लाल दिखता है। इसी कारण इसे ब्लड मून कहा जाता है।