क्या है चिकुनगुनिया ?
चिकुनगुनिया एक तरह का वायरल बुखार है जो कि मच्छरों (mosquito) के कारण फैलता है। चिकुनगुनिया अल्फावायरस (alphavirus) के कारण होता है जो मच्छरों के काटने के दौरान मनुष्यों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
लक्षण
चिकुनगुनिया में जोड़ों में दर्द (joint pain), सिर दर्द (headache), उल्टी (vomit) और जी मिचलाने (nausea) के लक्षण उभर सकते हैं जबकि कुछ लोगों में मसूड़ों और नाक से खून (blood from gums and nose) भी आ जाता है। मच्छर काटने के लगभग बारह दिन में चिकुनगुनिया के लक्षण उभरते हैं। चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें अपनाकर चिकुनगुनिया से खुद को बचाया जा सकता है।
रामबाण हैं तुलसी काढ़ा-चिकुनगुनिया होने पर मरीज को बुखार के साथ बदन में तेज़ दर्द होता है,चिकनगुनिया में तुलसी का काढ़ा रामबाण नुस्खा है|
बनाने की विधि
तुलसी की पत्तियां सात, नीम के गिलोय की डंडी जो एक अंगुल के बराबर मोटी और 2 इंच लंबी हो( साधारण गिलोय के साथ नीम की पत्तियों का प्रयोग भी करें), छोटी पीपर, सौंठ पाउडर इन चारों को 2 कप पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर पी लें। 1 दिन में 3 बार लें और कम से कम 3 से 5 दिन तक सेवन करें। यदि कड़वा लगे तो मिश्री या गुड़ का प्रयोग करें। पहली तीन खुराक से ही बुखार उतर जाएगा परंतु दवा लेते रहें।
फूड्स जो हैं चिकुनगुनिया में फायदेमंद
1. पपीते की पत्ती (Papaya leaf)
पपीते की पत्ती न केवल डेंगू बल्कि चिकुनगुनिया में भी उतनी ही प्रभावी है। बुखार में शरीर के प्लेटलेट्स (platelates) तेजी से गिरते हैं, जिन्हें पपीते की पत्तियां तेजी से बढ़ाती हैं। मात्र तीन घंटे में पपीते की पत्तियां शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स को बढ़ा देती हैं। उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें। दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें।
2. तुलसी और अजवायन (Tulsi and ajwain)
तुलसी और अजवायन भी चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बेहद अच्छी घरेलू औषधि हैं। उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीएं।
3. लहसुन और सहजन की फली (Garlic and drum stick)
लहसुन और सहजन की फली चिकुनगुनिया के इलाज के लिए बहुत बढ़िया है। चिकुनगुनिया में जोड़ों में काफी दर्द होता है, ऐसे में शरीर की मालिश किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए किसी भी तेल में लहसुन और सहजन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें।
4. लौंग (Laung or clove)
दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांध दें। इससे भी चिकुनगुनिया के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा, और शरीर का तापमान (body temprature) भी नियंत्रित होगा।
5. एप्सम साल्ट (Epsom salt)
एप्सम साल्ट की कुछ मात्रा गरम पानी में डालकर उस पानी से नहाएं। इस पानी में नीम की पत्तियां भी मिलाएं। ऐसा करने से भी दर्द से राहत मिलेगी और तापमान नियंत्रित होगा।
6. अंगूर (Grapes)
अंगूर को गाय के गुनगुने दूध के साथ लेने पर चिकुनगुनिया के वायरस मरते हैं लेकिन ध्यान रहे अंगूर बीजरहित हों।
7. गाजर (Carrot)
कच्ची गाजर खाना भी चिकुनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को बढ़ाती है साथ ही जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है।
बदन दर्द से राहत
चिकनगुनिया होने पर व्यक्ति को फीवर के साथ बदन में तेज़ दर्द भी होता है जो पीड़ित व्यक्ति को कमजोर कर देता है |
चिकनगुनिया से पीड़ित व्यक्ति को दर्द से राहत दिलाने वाला तेल जो घर पर आसानी से बन सकता है |
सामग्री
50 ग्राम सरसों का तेल
2 चम्मच अजवायन
2 चम्मच मेथी दाना
1 आड़ी लहसुन की कली कूंचे
2 चम्मच अदरक का रस
1 चम्मच हल्दी
1/2 चम्मच हींग
2 दो टिक्की कपूर
विधि
एक कटोरे में तेल डालें तेज गर्म करने के बाद उसमें कूचा हुआ लहसुन डाल कर थोड़ी देर गर्म करें फिर मेथी अजवाइन डाल कर भूरा होने तक गर्म होने के बाद अदरक का रस डालकर पकाएं आंच बंद करके हींग डाल कर गरम करने के बाद ठंडा होने के बाद सीसी में भर कर कपूर डालकर धूप में क़ुछ दिन रखे ,तेल तैयार है 15-20 मिनट हलकी मालिश करें।कैसा भी दर हो दिन मे 2 – 3 बार मालिश करें,तुरन्त रहत मिलेगी,और नियमित अपने पंजो की सभी उँगलियों की मालिश भी अवश्य करें।