इन दोनों सीटों पर आगामी 11 मार्च को मतदान होगा, जबकि परिणामों की घोषणा 14 मार्च को की जाएगी. गोरखपुर लोकसभा सीट वहां से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद त्यागपत्र के कारण रिक्त हुई है. वहीं, फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की वजह से खाली हुई है. इन दोनों ही सीटों पर भाजपा, सपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होने की संभावना है। बसपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं खड़े किए हैं. उसने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा की है.

भाजपा ने गोरखपुर से उपेन्द्र दत्त शुक्ला को तथा फूलपुर सीट से कौशलेन्द्र सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है. सपा ने गोरखपुर से प्रवीण निषाद तथा फूलपुर से नागेन्द्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा हैद्व वहीं, कांग्रेस ने गोरखपुर से सुरहिता करीम तथा फूलपुर से मनीष मिश्र को टिकट दिया है. गोरखपुर सीट भाजपा के लिए, खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. योगी यहां से पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं. इससे पहले उनके गुरु महन्त अवैद्यनाथ तीन बार संसद में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

दूसरी ओर, कभी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को संसद में भेजने वाली फूलपुर की जनता ने वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कमल के फूल पर मोहर लगाकर भाजपा प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य को संसद पहुंचाया था. इन उपचुनाव के प्रचार कार्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने ताबड़तोड़ रैलियां कर मतदाताओं को अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने की अपील की.