हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक सरकारी हाई स्कूल के छात्रों ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी की ‘परीक्षा पर चर्चा’ के प्रसारण के दौरान उन्हें बाहर घोड़ों के अस्तबल में बैठने को मजबूर किया गया. घटना कुल्लू के चेष्ठा ग्राम पंचायत की है, जहां स्कूल प्रबंधक ने शुक्रवार को अपने घर पर ही पीएम की चर्चा का प्रसारण दिखाने की व्यवस्था की थी.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार शुक्रवार शाम कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर के यहां कुछ छात्रों ने शिकायत की उन्हें मेहरचंद नामक टीचर ने उस कमरे से बाहर जाने को कहां, जहां टीवी पर प्रसारण दिखाया जा रहा था. दलित छात्रों को बाहर उस स्थान पर बैठने को कहा गया, जहां घोड़े रखे जाते हैं. यही नहीं यह चेतावनी भी दी गई, कि वे वहीं बैठे रहें और कार्यक्रम के बीच में छोड़कर नहीं जाना है.
छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनसे स्कूल के मिड डे मील कार्यक्रम में भी जातिगत भेदभाव किया जाता है. उन्होंने शिकायत में लिखा है, ‘अनुसूचित जाति के छात्रों को अलग बैठने को कहा जाता है. हेडमास्टर भी इस पर कुछ नहीं कहते. हमें अस्पृश्यता का शिकार होना पड़ता है.’
इस घटना का एक कथित वीडियो क्लिप सामने आने के बाद एक स्थानीय संगठन अनुसूचित जाति कल्याण संघ ने स्कूल के हेडमास्टर राजन भारद्वाज और कुल्लू में शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जगदीश पठानिया के यहां शिकायत दर्ज की है. संगठन के एक सदस्य ने कहा कि प्रधानाचार्य राजन भारद्वाज ने इस घटना की पुष्टि की है और माफी मांगी है. उन्होंने यह आश्वासन दिया है कि आगे ऐसा नहीं होगा. लेकिन इतने से बात नहीं बनने वाली.