हरिद्वार। धर्मनगरी में लगने वाला कांवड़ मेला कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इस साल भी रद्द कर दिया है, जिससे कांवड़ मेला से जुड़े छोटे दुकानदारों और कामगारों में निराशा का माहौल है। ज्वालापुर क्षेत्र में कांवड़ बनाने वाले दर्जनों कारीगरों को मेला रद्द होने से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब ये कारीगर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
हरिद्वार में हर साल सावन के महीने में कांवड़ मेला लगता है। इसमें दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में शिव भक्त हरिद्वार आकर गंगाजल भरते हैं और अपने अपने गंतव्य को रवाना होते हैं। पिछले कुछ सालों में डाक कांवड़ का चलन भी बढ़ा है। अब भी बड़ी संख्या में शिव भक्त पारंपरिक बांस की बनी कांवड़ कंधे पर रखकर ले जाते हैं। शिव भक्तों के लिए बांस की यह कांवड़ ज्वालापुर क्षेत्र में रहने वाले दर्जनों मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं और मेले के समय बेचकर अपना गुजर-बसर करते हैं।
कारीगरों को उम्मीद थी कि इस साल कांवड़ मेला लगेगा। इसलिए इन कारीगरों ने कर्ज लेकर कांवड़ बनाने का सामान इकट्ठा किया था। मेला रद्द होने से इन कारीगरों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इन लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।