Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट फिर सख्त, यूपी सरकार से कहा-फैसले पर करें पुनर्विचार, वरना हम देंगे आदेश

नई दिल्ली। यूपी में कांवड़ यात्रा की अनुमति के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि हम आपको इस मामले पर विचार करने के लिए एक और मौका देना चाहते हैं। आप सोचिए कि यात्रा को अनुमति देनी है या नहीं। हम सब भारत के नागरिक हैं। सबको जीवन का मौलिक अधिकार है। हम आपको 19 जुलाई तक समय दे रहे हैं। नहीं तो हमें जरूरी आदेश देना पड़ेगा।

सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा कि वो चाहती है कि कांवड़ यात्रा प्रतीकात्मक हो और कोरोना को देखते हुए कम से कम लोग शामिल हों। केंद्र सरकार ने यूपी में कांवड़ यात्रा का विरोध किया है। केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों का अपने इलाके के मंदिर तक आना कोरोना के लिहाज से उचित नहीं है। बेहतर हो कि टैंकर के ज़रिए गंगाजल जगह जगह उपलब्ध करवाया जाए।

पिछले 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा की इजाजत देने के मामले में स्वतः संज्ञान लिया। जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड यात्रा की इजाजत दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कांवड़ यात्रा का आदेश दिया है। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.