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और अब कोयल से कैनवस पर उभारी तस्वीर

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
  • गिनीज बुक रिकार्डर अमन गुलाटी का एक नया कारनामा

  • अंहिसा के पुजारी महात्मा गांधी की उकेरी पहली तस्वीर

  • रोड शो में दिखाया अपना हुनर

कोयला! जिसका प्रयोग घरों और होटलों में खाना पकाने के लिए किया जाता है तो वहीं सड़कों पर चारकोल बनाने में। कभी ट्रेनों को चलाने से लेकर आज कल-कारखानों में इस्तेमाल होने वाला कोयला सिर्फ जलता ही था। पर एक 16 साल के लड़के ने इस कोयले की किस्मत ही बदल दी। जलने वाला कोयला आज पेंटिंग बनाने में इस्तेमाल हो रहा है। यह कारनामा करने वाला कोई और नहीं गिनीज बुक रिकार्डर अमन गुलाटी है। 
  अमन गुलाटी? कुछ नया करने का जज्बा रखने वाला एक 16 साल का किशोर। विश्व की सबसे लम्बी राखी बनाकर वल्र्ड रिकार्ड कायम करने वाले अमन गुलाटी ने नाखून के बराबर पोर्टेट पेंटिग बनाई और फिर स्कूल की दोमंजिला से भी ऊंची गुरु गोविंद सिंह जी की पज़ल पोट्रेट पेंटिंग बनाकर एक और विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। अब बारी थी फिर कुछ नया करने की। अचानक मन में ख्याल आया कि अब तक विश्व प्रसिद्ध पेंटर्स ग्रेफाइट वाली चारकोल पेंसिल का प्रयोग करते आए तो क्यों न अब कोल का भी इस्तेमाल कर लिया जाए। मन में यह ख्याल आते ही शुरू हुआ अमन का एक और मिशन। मार्केट से ढेर सारा कोयला खरीद कर आया। अमन ने कई दिनों की अथक मेहनत के बाद अपने इस नए हुनर को 26 जनवरी के दिन सबके बीच साझा किया। एक रोड शो किया और उन्होंने देश के महान अहिंसा वादी महात्मा गांधी की तस्वीर बनाई। पहले तो लोगों को यकीन नहीं हुआ कि क्या कोयले से भी पेटिंग बनाई जा सकती है? लेकिन जब अमन ने इसे कैनवस पर उतारा तो लोगों को यकीन हो गया।

एक भी गलती की गुंजाइश नहीं इस पेंटिंग में

सुनने और देखने में आसान सी लगने वाली कोल पेटिंग असल में बहुत ही कठिन और जोखिम भरी है। अमन गुलाटी ने बताया कि इसमें सबसे बड़ा खतरा होता है पूरी मेहनत खराब होने का क्योंकि कोल पेंटिंग में एक भी गलती होने पर आप इसे दोबारा नहीं सुधार सकते। आम पेंटिंग में कुछ गलती होने पर उसे सुधारने का विकल्प रहता है। 

इसी हुनर को कोचिंग में सिखा रहे अमन

लखीमपुर-खीरी। अमन पेटिंग की दुनियां में और भी तमाम हुनर उतारना चाहते हैं। इसके लिए बाकायदा वह अमन आर्ट वल्र्ड नामकी एक आर्ट कोचिंग भी चलाते हैं। इसमें 85 बच्चे हैं। सभी को वह कोल पेंटिंग भी सिखाते हैं। सबसे बड़ी बात है कि इस कोचिंग के जरिए उनका मकसद पैसे कमाना नहीं बल्कि अपने इन्हीं स्टूडेंट को दिल्ली में होने वाले इंटरनेशनल आर्ट कांटेस्ट में पहुंचाना है। अमन ने बताया कि वह इन स्टूडेंट से कोई भी फीस नहीं लेते बल्कि सिखाने में आने वाला उनका परिवार उठाता है। 

चंदन गुप्ता को भी दी श्रद्धांजलि

कासगंज साम्प्रदायिक हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता को भी कोल पेंटिंग के जरिए श्रद्धांजलि दी। एक अन्य रोड शो में समाज को शांति का संदेश व मृतक को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने चंदन की कोल पेंटिंग भी बनाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश को हिंदू-मुस्लिम बनने और लडऩे की बजाए इंसान बनने पर ध्यान देना चाहिए।