नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने पंजाब के फरीदकोट में 400 तोतों की मौत की जांच का आदेश दिया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब के वन विभाग को ये आदेश जारी किया है।
एनजीटी ने पंजाब के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन और पर्यावरण विभाग को एक-दूसरे के सहयोग से इस संबंध में उपचारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एनजीटी ने कहा कि प्राथमिक तौर पर इन तोतों की मौत की वजह का स्पष्ट रूप से पता लगाना मुश्किल है, इसलिए इस बात का पता लगाया जाए कि इनकी मौत कैसे हुई।
याचिका वकील एचसी अरोड़ा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि फरीदकोट के डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के परिसर में तोतों की मौत को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि इन तोतों की मौत कुछ रसायनों के स्प्रे करने से हुई है।
तोतों की मौत 2017 से लगातार हो रही है। इस बारे में मीडिया भी लगातार खबरें दे रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। याचिका में कहा गया है कि पिछले 11 जून को जामुन के पेड़ पर स्प्रे छींटने के बाद 400 तोतों की मौत हो गई। याचिका में मांग की गई है कि सरकार को जामुन के पेड़ पर स्प्रे छींटने से रोकने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।