अच्छी और सुकून भरी नींद कौन नहीं चाहता लेकिन किस्मत वालों को ही ऐसी नींद नसीब हो पाती है. बहुत सारे लोग यह महसूस करते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ साथ उनकी नींद में भी काफी बदलाव देखने को मिलता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया के एक स्लीप रिसर्चर के द्वारा एक नए अध्ययन के मुताबिक कुछ वृद्ध गहरी और अच्छी नींद लेने की क्षमता खो देते हैं और इस कारण उन्हें दूसरी स्वास्थ्य संबंधी तकलीफों का भी सामना करना पड़ता है. खंडित नींद को डिप्रेशन और डिमेंशिया जैसे कई चिकित्सकीय समस्याओं से जोड़ा जाता है. खंडित नींद वाले व्यक्ति रात के समय बहुत बार जाग जाते हैं और गहरी नींद नहीं ले पाते हैं.
डिमेंशिया के कारण अक्सर कम नींद या नींद नहीं आने जैसी समस्यायों का सामना करना पड़ता है और बदले में इस कारण से याददाश्त और अन्य मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. अध्यययनकर्ता के अनुसार जानवरों पर हुए शोध में यह निष्कर्ष निकला है कि गहरी नींद दिमाग को बेहतर तरीके से कार्य करने में मददगार होती है. बुजुर्ग लोग अपने जवानी की तुलना में बुढ़ापे में अक्सर जल्दी सो जाते हैं और जल्दी उठ जाते हैं और ऐसा करने में कुछ बुराई भी नहीं है लेकिन अच्छी डाइट और व्यायाम के साथ अच्छी नींद भी स्वस्थ रहने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होती है।