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उत्तराखंड चुनावः राहुल की सभाओं पर हावी मोदी मैजिक

07_02_2017-rahulmodiddदेहरादून: उत्तराखंड के चुनावी समर में कांग्रेस के शीर्ष स्टार प्रचारक राहुल गांधी की सभाओं पर मोदी मैजिक तारी है। मोदी की जन सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ से होने वाली तुलना ने कांग्रेस के माथे पर लकीरें गहरी कर दी हैं।

कांग्रेस अब ऐसे क्षेत्रों में राहुल की चुनावी सभाओं से बच रही है, जहां मोदी की सभाएं तय हो चुकी हैं। इस कड़ी में पार्टी ने हरिद्वार के साथ ही रुद्रपुर और पिथौरागढ़ में राहुल की सभाएं स्थगित कर दी हैं। मोदी से इतर क्षेत्रों में चुनावी सभाएं होंगी। अलबत्ता मोदी से तुलना की नौबत ही न आए, इस कोशिश के तहत धर्मनगरी हरिद्वार में राहुल को रोड शो में उतारा जाएगा।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 को लेकर राज्य में उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। चुनावी दंगल में कांग्रेस और भाजपा के सूरमा एकदूसरे को पटखनी देने को हर बाजी खेलने को तैयार हैं।

स्टार प्रचारकों की फौज मैदान में उतारी जा चुकी है, लेकिन कांग्रेस अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे तय करने को लेकर असमंजस से उबर नहीं पा रही है।

स्टार प्रचारकों की सूची में शीर्ष में शुमार राहुल के कार्यक्रम तय करते वक्त पार्टी को अन्य कई पहलुओं पर भी ध्यान देना पड़ रहा है। पहली चिंता मोदी की चुनावी रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ है। मोदी भाजपा के मुख्य स्टार प्रचारक हैं।

उनके मुकाबले राहुल की रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए पार्टी खासी मशक्कत करने को मजबूर है। चूंकि राहुल के सीधे निशाने पर मोदी हैं, इस वजह से उनकी सभाओं की मोदी से स्वाभाविक रूप से तुलना हो रही है। चुनाव के मौके पर दोनों ही दल इसे शक्ति प्रदर्शन के रूप में देख भी रहे हैं। दून और ऋषिकेश में ऐसा हो चुका है।

चुनाव से ऐन पहले बीती 27 दिसंबर को दून में भाजपा की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में उमड़ी भीड़ को लेकर कांग्रेस पर दबाव ही रहा कि पखवाड़ेभर बाद राहुल का कार्यक्रम तय हुआ लेकिन स्थान देहरादून के बजाए ऋषिकेश रखा और पार्टी को जन सभा को प्रदेशस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में तब्दील करना पड़ा।

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रैलियों में भीड़ को लेकर हो रही तुलना से बचने के लिए अब कांग्रेस ने दूसरा रास्ता अख्तियार किया है। पहले नरेंद्र मोदी की चुनावी सभाओं को ध्यान में रखकर पार्टी ने राहुल की सभाओं का कार्यक्रम तय किया था, उसमें बदलाव किया गया है।

कांग्रेस ने मोदी की सभाओं से पहले ही सात फरवरी को हरिद्वार, रुद्रपुर और पिथौरागढ़ में राहुल की सभाएं तय की थीं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिलों की एक-एक सीट से चुनावी दंगल में उतरने के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस की घेराबंदी करते हुए दोनों जिलों में मोदी की रैलियां तय की हैं।

इसकी काट के लिए कांग्रेस ने भी राहुल के कार्यक्रम तय तो किए, लेकिन काफी सोच-विचार के बाद अब उक्त क्षेत्रों में उनकी सभाओं का कार्यक्रम स्थगित किया गया है। अब नौ फरवरी को राहुल ऊधमसिंहनगर जिले की सितारगंज और अल्मोड़ा जिले की सोमेश्वर चुनाव क्षेत्रों में सभाएं करेंगे। हरिद्वार में तो उनकी सभा का कार्यक्रम रद किया गया है।

उनका कार्यक्रम अब 12 फरवरी को होगा, लेकिन अब सभा के बजाए रोड शो होगा। सूत्रों की मानें तो पार्टी की रणनीति में ऐन पहले किए गए इस फेरबदल के पीछे पार्टी का चुनाव प्रबंधन संभाल रही पीके की पेशेवर टीम का फीडबैक है। पीके की टीम फीडबैक के मामले में संगठन और कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ती दिख रही है।

 

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