लोक आस्था का महापर्व सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पूरा हो गया। चार दिवसीय छठ महापर्व के लिए श्रद्धालुओं की आस्था ठंड और अन्य समस्याओं पर हावी रही। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ चुकी व्रतियां अब घर की तरफ लौटने लगी हैं। नहाय-खाय से आरंभ चार दिवसीय छठ महापर्व का आज अंतिम दिन था। इसके पहले रविवार को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
छठ घाटों पर व्रतियों के जाने का सिलसिला सुबह तीन बजे से ही शुरु हो चुका था। खासकर मनोकामना पूरी होने पर दंड लगाते हुए घाटों पर जाने वाले व्रती पहले पहुंचे। श्रद्धालुओं ने उनके लिए रास्ता छोड़ दिया। पटना में घाटों तक जाने वालों के लिए पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है। वहां अपनी गाडि़यों को पार्क कर वे पैदल ही घाटों पर पहुंचे। अर्घ्य के बाद अब वे वापस लौट रहे हैं। ठ महापर्व के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य आज सुबह घाटों पर पूजा के दौरान बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। आतिशबाजी में व्यस्त रहे। बड़े उन्हें सुरक्षित तरीके से आतिशबाजी करने की हिदायत देते देखे जा रहे थे।
ठंड पर आस्था भारी
सुबह में ठंड के बावजूद लोग जल में उतरकर अर्घ्य देते दिखे। शिवहर में सुबह से पछिया हवा बह रही है। इस कारण छठ व्रतियों को कठिनाई हुई।
घाट पर फायरिंग, डूबने से दो की मौत
छठ पर्व के दौरान कुछ अवांछित घटनाएं भी हुईं। आज सुबह समस्तीपुर के साढ़ी घाट पर दो पक्षों के विवाद में गोलीबारी हो गई। घटना में ऐ युवक घायल हो गया, जिसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है। इसके पहले पटना के मसौड़ी में एक युवती को ब्लेड मारकर घायल कर दिया गया।उधर, बेगूसराय के कुर्था स्थित मानिकपुर में अर्घ्य देने के दौरान एक युवक की डूबने से मौत हो गई। अरवल में भी अर्घ्य के दौरान एक व्यक्ति के डूबने की खबर मिली है। पटना के बाढ़ प्रखंड में गंगा नदी में पांच बच्चे डूबे, जिनमें तीन को निकाल लिया गया।