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आयुर्वेद में है एपिलेप्सी या मिर्गी रोग का रामबाण इलाज ….

एपिलेप्सी या मिर्गी जिसे आयुर्वेद में अपस्मार कहते हैं मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी की वजह से होती है इस रोग को आयुर्वेद पद्धति से ठीक किया जा सकता है।
इस रोग के कई कारण हो सकते हैं गर्भस्थ शिशु को आघात पहुँचना,जन्म के समय आक्सीजन की कमी हो जाना, चोट लगने,स्ट्रोक, अल्जाइमरस, कभी कभी ज्यादा शराब पीने, ज्यादा तनाव से भी यह रोग हो सकता है।
लक्षण-इस रोग में रोगी अचानक से होश खो बैठता है बेहोश होकर  गिर जाता है,हाथ पैर में ऐंठन होने लगती है, मुह से सफेद झाग निकलने लगता है, आँख पलटने लगी है, जबान लड़खड़ाती है अलग अलग रोगियोंअलग अलग लक्षण होते हैं यह दौरा कुछ सेकेंड से एक मिनट तक रहता है फिर रोगी गहरी नींद सो जाता है,

आयुर्वेदानुसार सबसे पहले व्यक्ति की जीवन शैली परिवर्तन करनी चाहिए, प्रातः भ्रमण, सन्तुलित आहार लेना चाहिये, 6-7 घंटे की नींद लेनी चाहिये, उचित नियम संयम,योग प्राणायाम नियमित करना चाहिए, पंचकर्म कराना चाहिये,
बचाव–ज्यादा काम,शराब,देर तक भूखा प्यासा रहना, धूप में रहना आदि से बचना चाहिये।
उपचार – आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा से मरीज़ पूर्ण स्वस्थ हो सकता है खाने में ऐसे खाद्य लें जिसमे ओमेगा 3 फैटी एसिड की अधिकता हो जैसे अलसी,सोयाबीन,अंकुरित अनाज, अखरोट पिस्ता, बादाम, मूंगफली, गोभी, गाजर, कद्दू, पालक, सरसों का साग, पपीता आदि, नहाने हल्का गर्म पानी का प्रयोग करे, घी तेल का अच्छे से करें।
साभार:वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ देवेश श्रीवास्तव की फेसबुक वॉल से