वैसे सीबीडीटी ने यह भी साफ किया है कि ऐसे नोटिस आयकर निदेशालय या कमिश्नर स्तर के अधिकारी की अनुमति से ही भेजे जा सकते हैं। नोटबंदी के फैसले के बाद टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत लोगों को 18 लाख एसएमएस और ईमेल भेजे गए थे। इनके खातों में 30 दिसंबर को समाप्त नोटबंदी की 50 दिन की अवधि के दौरान पांच लाख रुपये से यादा की संदेहास्पद राशि जमा हुई थी। आयकर विभाग को ई-फाइलिंग पोर्टल पर नौ लाख से ज्यादा प्रतिक्रिया मिलीं।
Operation Clean Money: 250 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय का पता लगा
आयकर विभाग ने हजारों ऐसे लोगों के पास से 250 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय का पता लगाया है जिन्होंने नोटबंदी के फैसले के बाद बड़ी मात्रा में बैंकों में पैसा जमा करवाया, लेकिन आयकर विभाग की ओर से पूछे गए उन सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया जो ऑपरेशन क्लीन मनी के अंतर्गत पूछे गए थे। गौरतलब है कि नोटबंदी का फैसला बीते साल 8 नवंबर को लिया गया था।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग की कई टीमों ने देशभर में करीब 230 से ज्यादा सर्वे किए। अधिकारियों के अनुसार ये सर्वे केवल व्यक्तियों और कंपनियों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में किए गए। विभाग ने पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रतिष्ठानों में ये सर्वे किए।
अधिकारियों ने बताया कि इस सर्वे के जरिए 250 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है। इस राशि के बारे में अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत घोषणा किए जाने की उम्मीद है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 31 मार्च तक ही खुली है।