आईडी से फोन कंपनियां या बैंकों को आधार धारक का केवल नाम, पता और फोटो की जानकारी ही मिलेगी। अन्य जानकारी के लिए उसे कस्टमर से खुद ही सवाल करना होगा।
खास बात यह है कि यूजर खुद भी यह आईडी जनरेट कर सकता है। ऐसे में जब वह नई आईडी बनाएग तो पुरानी आईडी खुद ही बंद हो जाएगी। इससे फायदा ये होगा कि इससे आधार की गोपनीयता यूजर के खुद के हाथ में होगी।
बताया कि यूआईडीएआई इस पर महीनों से काम कर रहा था। लेकिन अब हो सकता है कि ये मार्च तक यूजर के लिए ओपन हो जाए।