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आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

असुविधाओं के बारे जानकारी देने के बजाय पत्रकारों से ही सवाल दागे एआरएम साहब ने !

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
आजादी के 71 साल बाद भी उप्र के सबसे बड़े जिले के डिपो के पास पड़ोसी जनपद बहराइच के लिए आने-जाने को लेकर एक भी बस अनुबंधित नहीं है। इस मामले पर जब एआरएम से जानकारी लेने के लिए पत्रकार एआरएम से मिलने पहुंचे तो उन्होंने समस्याओं पर ध्यान देने की बजाए पत्रकारों को यह कहकर जानकारी देने से इंकार कर दिया कि पहले सूचना विभाग द्वारा जारी एलाटमेंट नंबर लेकर आओ। हास्यास्प्रद बात है कि महाज्ञानी एआरएम को यह तक जानकारी नहीं है कि सूचना विभाग केवल समाचार पत्रों के संवाददाताओं एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के स्ट्रींगरों की लिखित जानकारी रखता है न कि उसे किसी संवाददाता को पत्रकार होने का सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार है। 
 

अथोराइज्ड पत्रकारों से ही बात करते हैं एआरएम

  • करीब एक माह पहले लखीमपुर रोडवेज स्टेशन पर एआरएम के तौर पर राकेश कुमार श्रीवास्तव पदासीन हुए थे। हालांकि उनके पद संभालने के बाद रोडवेज पर अव्यवस्थाएं जस की तस ही रहीं।
  • गौरतलब रहे कि रोडवेज स्टेशन से कोई भी बस बहराइच के लिए नहीं जाती। इसके चलते लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतें पेश आती हैं।
  • जब कुछ संवाददाता एआरएम से इस बावत जानकारी लेने पहुंचे तो उन्होंने सवाल सुनने के बाद सवाल ही दागा।
  • एआरएम महोदय ने कहा कि वह केवल अथोराइज्ड पत्रकारों को ही बाइट देते हैं। सूचना विभाग से जारी पत्रकारिता का नंबर मांगा।
  • जब उनसे बताया गया कि सूचना विभाग केवल जनपद में मीडिया जगत से जुड़े लोगों का केवल ब्यौरा मात्र रखता है,उसे किसी पत्रकार को नंबर जारी करने का कोई अधिकार नहीं।
  • इसके बावजूद एआरएम महोदय जानकारी देने की बजाए नंबर देने की ही रट लगाए रहे। काफी समझाने-बुझाने के बावजूद एआरएम महोदय की यह समझ में नहीं आया कि सूचना विभाग को पत्रकारों के लिए कोई नंबर जारी करने का अधिकार नहीं। इसके बाद पत्रकारों को बिना जानकारी लिए ही वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा। 

सीट पर बैठने से पहले ज्ञान ले लेते एआरएम साहब

पत्रकारों के रजिस्टर्ड नंबर के लिए भिड़े एआरएम राकेश कुमार श्रीवास्तव की प्रतिक्रिया से साफ जाहिर है कि उन्हें मीडिया तंत्र से संबंधित कोई जानकारी नहीं। समझाने-बुझाने पर एआरएम साहब को चाहिए था कि वह इस संबंध में सूचना विभाग के अधिकारी से ही असलियत जान लेेते। लेकिन खुद को ही सही बताने पर अड़े एआरएम साहब ने इसकी जरूरत महसूस नहीं की।

प्रदेश जागरण पहले भी लिख चुका है इस बड़ी समस्या पर खबर

आपको बता दें कि प्रदेश के सबसे बड़े जिले माने वाले लखीमपुर में बस डेपो न होने से यहाँ की जनता को कहीं भी आने के के लिए एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है.इस समस्या पर हम पहले ख़बर भी कर चुके हैं…

देखिये ख़बर:
https://goo.gl/zMHBbP

 

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