मानसिक तौर पर असमर्थ उम्रकैदियों को राहत का फैसला : एक अन्य फैसला लेते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशानुसार पंजाब सरकार ने मानसिक तौर पर असमर्थ और बीमारी के कारण जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंचे उम्रकैदियों की समय से पहले रिहाई नीति में संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मानसिक तौर पर असमर्थ और कैंसर, एड्स या गुर्दों के फेल होने जैसी बीमारियों वाले जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर पहुंचे उम्रकैदियों को समय से पहले रिहाई से संबंधित नीति में बदलाव से बड़ी राहत मिलेगी। मानसिक तौर पर असमर्थ या गंभीर बीमारी से पीड़ित 10 वर्ष की सजा (समेत या बिना माफी) पूरी करने वाले उम्रकैदी को समय से पहले रिहाई से संबंधित नीति में संशोधन से राहत मिलेगी और वे अपनी सजा पूरी करने से पहले रिहा हो सकेंगे। कैंसर से पीड़ित या गुर्दों के फेल होने के कारण बीमार हुए कैदी भी समय से पहले रिहाई के लिए योग्य होंगे।
विदेशों में बसे पंजाबी नौजवानों की योजना को हरी झंडी : मंत्रिमंडल ने विदेशों में बसे पंजाबी मूल के नौजवानों तक पहुंचने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार की ‘अपनी जड़ों से जुड़ो’ योजना को हरी झंडी दे दी है। इस प्रोग्राम के अंतर्गत पंजाबी मूल के नौजवान लड़के-लड़कियां जिनके माता-पिता, दादा-दादी या रिश्तेदार विदेशों में रहते हैं या बस गए हैं, को अपने पूर्वजों की जड़ों और पंजाब की शानदार सांस्कृतिक विरासत से जोडऩे के लिए पहल की गई है।
इसके साथ-साथ बैठक में डिस्टलरी में उत्पादन को सही रास्ते पर लाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय में पंजाब डिस्टलरी रूल्स-1932 में संशोधन करने को स्वीकृति दी गई, जिससे डिस्टलरी लाइसैंसी आबकारी कमीशन द्वारा बताए गए स्थान पर फ्लो मीटर लगाएगा। इससे एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल/रैक्टीफाइड स्प्रिट के उत्पादन और डिस्पैच पर निगरानी की जा सकेगी। एक और महत्वपूर्ण फैसले में तेजाब के हमले के प्रत्येक पीड़ित को कम-से-कम 3 लाख रुपए का मुआवजा देने एवं अपराध के पीड़ितों के लिए ‘पंजाब विक्टम और देयर डिपैंडैंट्स कम्पन्सेशन स्कीम-2017’ को स्वीकृति दी गई।
सिद्धू की गैर-हाजिरी की चर्चा : पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में वरिष्ठ मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की गैर-हाजिरी की भी चर्चा रही। यह भी सुनने में आया कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा 2022 में भी चुनाव लडऩे के दिए गए बयान से वह नाखुश हैं।