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अभी-अभी: चीनी आर्मी ने 90वीं वर्षगांठ पर मनाया जश्न, राष्ट्रपति जिनपिंग ने सैनिको को युद्ध के लिए किया आगाह

चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपनी 90वीं वर्षगांठ की तैयारी में जुटी हुई है। दो दिनों बात 1 अगस्त को चीनी सेना अपनी सालगिरह का जश्न मनाएगी। रविवार सुबह चीनी सैनिकों ने परेड कर अपना दम दिखाया। चीन के झुर्येई ट्रेनिंग बेस में परेड का आयोजन किया गया। 

वहीं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कम्युनिष्ट पार्टी के केंद्रीय समिति के जनरल सचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग के साथ मिलकर सैनिकों का निरीक्षण किया। इस मौके पर शी जिनपिंग ने भाषण भी दिया। उन्होंने कहा कि पीएलए को अपनी तैयारी बढ़ानी चाहिए और युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। 
वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल शुक्रवार को बीजींग में हुई ब्रिक्स मीटिंग का हिस्सा बने। बैठक के दौरान उन्होंने शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से भी मुलाकात की, लेकिन डोकलाम विवाद को लेकर इस मुकालकात में कोई हल नहीं निकल पाया। विशेषज्ञों की माने तो डोकलाम विवाद को में दोनों देशों को इस मुलाकात के बाद थोड़ा समय और मिल गया है। 

वहीं डोकलाम मुद्दा चीनी सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। चीनी लोगों का कहना है कि अगर भारत सच में चीन की सीमा में घुस आया है तो सरकार को कदम क्यों नहीं उठा रही है। सुत्रों के मुुताबीक चीन की हॉकिश कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य मांग कर रहे हैं कि चीन भारतीय सैनिकों को पीछे क्यों नहीं ढकेल रहा है।

गौरतलब है कि चीन में अगले साल शीर्ष नेताओं में फेरबदल होना है और हॉकिश शीर्ष नेता के चुनाव में एक महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। वहीं दूसरी ओर चीन उत्तर कोरिया सीमा पर भी रिस्क उठा रहा है। उत्तर कोरिया से बढ़ते रिस्क को देखते हुए चीन ने सीमा पर अपने सैनिक बढ़ा दिए हैं। 

चीनी सेना ने भारत को दी धमकी,कहा- पर्वत हिलाना आसान है, लेकिन हमें नहीं

दरअसल, चीन के साथ डोकलाम में उठे सीमा विवाद की वजह से इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा था। सूत्रों की माने तो इस बैठक के बाद दोनों देशों के नेताओं के तेवर कुछ नरम पड़ते दिख रहे हैं। चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि 1 अगस्त को पिपुल लिब्रेशन पार्टी की अपनी 90वीं वर्षगांठ मना रही है। ऐसे में जिंगपिंग एक बार फिर भारत को सीमा से अपनी सेना वापस बुलाने को कह सकते हैं। 

बता दें कि हाल ही में चीनी सेना ने भारत को धमकी देते हुए कहा था कि पर्वत को हिलाना आसान है, लेकिन हमें नहीं। वहीं चीनी सरकार के मंत्री ने भी ये बात रखी थी कि भारत जब तक डोकलाम से सेना पीछे नहीं हटाता, इस मसले का कोई हल नहीं निकलेगा। 

अपनी दो दिवसीय ब्रिक्स समिट यात्रा पर चीन पहुंचे अजीत डोभाल ने शुक्रवार को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई समेत क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर नेतृत्व दिखाने को कहा। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय मुद्दों और बड़ी समस्याओं पर चीन का रुख साफ किया।

उन्होंने ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में कहा, ‘हमें वैश्विक शांति व स्थिरता पर असर डालने वाले सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ब्रिक्स फोरम का आयोजन करना चाहिए। उभरते हुए देशों के पांच सदस्यीय समूह को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व दिखाने की जरूरत है।’

 
 

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