संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से आज उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लागू करते हुए परिष्कृत पेट्रोलियम पदार्थों तक उसकी पहुंच बेहद सीमित कर दी है. नया प्रतिबंध नवंबर में उत्तर कोरिया द्वारा किए गए ‘अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल’ परीक्षण के बाद लगाया गया है.

अमेरिका ने कड़े प्रतिबंधों वाला मसौदा तैयार किया है, जिसमें उसके (उत्तर कोरिया के) ऊर्जा, निर्यात एवं आयात क्षेत्रों और विदेशों में उत्तर कोरियाई नागरिकों पर कठोर प्रतिबंध लगाए गए हैं. समुद्री अधिकारियों से भी उत्तर कोरिया की अवैध तस्करी संबंधी गतिविधियों पर लगाम लगाने का कहा गया है. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किया गया यह प्रस्ताव 90 प्रतिशत परिष्कृत पेट्रोलियम पदार्थों के अयात पर रोक लगाता है.

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा, ‘‘29 नवंबर को प्योंगयांग ने एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया था. किम शासन का महान शक्ति बनने का यह एक और प्रयास था, जबकि उसके लोग भूखे मर रहे हैं और उसके सैनिक भाग रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह उग्र देश की ओर से पेश एक कठिन चुनौती है. इसलिए हमने भी इसका कड़ा जवाब दिया है. संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत मैथ्‍यू रायक्रोफ्ट ने कहा कि उत्तर कोरियाई शासन पेट्रोलियम पदार्थों का इस्तेमाल अवैध परमाणु एवं बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों में करता है.

उन्होंने कहा, इस आपूर्ति को बंद करके हम उसकी हथियारों को निर्मित करने एवं तैनात करने की क्षमता को सीमित करेंगे.  सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के खाद्य उत्पादों, मशीनों एवं औद्योगिक तथा विद्युत उपकरण के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सुरक्षा परिषद के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है.