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अब घर में शौंच जाएंगे एक लाख परिवार

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।

| खुले में शौच मुक्त जिला बनाने की कवायद डीपीआरओ विभाग|

|वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा लक्ष्य|

खुले में शौंच मुक्त जिला बनाने के लिए जिला पंचायती राज विभाग अब तक करीब 29 हजार शौंचालय बनवा चुका है। विभाग को एक लाख शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला है। वित्तीय वर्ष के अंत तक विभाग इस लक्ष्य को पूर्ण कर लेगा। यह जानकारी जिला पंचायती राज अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने दी।

खुले में शौंच को लेकर जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत उन लोगों को जागरुक किया जा रहा है जिनके घर में शौंचालय तो बना है परंतु वे शौंचालय का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। पंचायती राज अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा सरकार के बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में हर घर में शौचालय का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उसके तहत खीरी को एक लाख शौचालय बनाने का लक्ष्य दिया गया था जिसके लिए 2012 में किए गए सर्वे के तहत बनी सूची का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस सूची में उन लोगों के नाम अंकित हैं जिनके घर में शौचालय नहीं हैं। विभाग उन लोगों को शौचालय बनाने के लिए धनराशि उपलब्ध कराता है जो इसे बनाने में सक्ष्म नहीं हैं। जिले में ऐसे करीब 27 हजार लोगों को चयनित कर शौचालय बनवाए गए हैं। जबकि दो शौचालय अभी अधूरे निर्माण में हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक सरकार द्वारा 29 हजार शौंचालयों के लिए धन आवंटित किया गया था जो अब समाप्त हो चुका है। जल्द ही अन्य शौचालय के लिए भी धनराशि मिल जाएगी। जिसके बाद आवेदन करने वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा। शौचालय बनवाने को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एक शौचालय पर करीब 12 हजार रुपए सरकार द्वारा निर्धारित धनराशि अब सीधे लाभार्थी के खाते में जाती है जो कि तीन किस्तों में दी जाती है। पहली व दूसरी किस्त पांच-पांच रुपए की है जबकि तीसरी किस्त दो हजार रुपए शौचालय के तीन महीने इस्तेमाल के बाद दी जाती है। कुल मिलाकर केंद्र व प्रदेश सरकार का खुले में शौंच मुक्त देश बनाने का सपना अब साकार होता नजर आ रहा है। भविष्य में विभाग अगर अपने लक्ष्य की पूर्ति करता है और जन जागरुकता अभियान के तहत लोगों को उसे इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर देता है तो मोदी का सपना जल्द ही साकार हो जाएगा।

प्रधान है विरोध में तो सीधे विभाग में किया जा सकता है आवेदन

ग्राम पंचायत में होने वाली राजनीति के चलते कई बार पात्रों को इसका लाभ नहीं दिया जाता। ऐसी स्थिति में पात्र सीधे विभाग में पहुंचकर आवेदन कर सकता है। जिला पंचायती राज अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि यह आवेदन पात्र तभी कर सकता है जबकि उसका नाम 2012 की बीपीएल सर्वे सूची में हो। यदि उसका नाम है और ग्राम प्रधान किसी रंजिशवश उसका नाम लाभार्थी की सूची में नहीं देता है तो वह सीधे विभाग में इसका आवेदन कर सकता है।

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