रेलवे बोर्ड में डिप्टी डायरेक्टर (पैसेंजर मार्केटिंग) रोहित कुमार ने बताया कि इस बाबत सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें क्रिस को सॉफ्टवेयर अपडेट करने को कहा गया है तथा जोनल रेलवे को आवश्यक बदलाव के निर्देश दिए गए हैं। कॉमर्शियल इंस्पेक्टर स्टेशनों पर जीएसटी लागू होने की जांच करेंगे और रिपोर्ट बोर्ड को भेजेंगे।
यानी सुपरफास्ट चार्ज, रिजर्वेशन फीस वगैरह जुड़ने के बाद टिकट की जो कुल कीमत होगी, उस पर जीएसटी लगाया जाएगा और यह राउंड ऑफ में लिया जाएगा। मसलन, अगर टिकट की कीमत 262.25 रुपये होती है तो यात्री से 263 रुपये वसूले जाएंगे।
नए नियमों से यात्रियों में आक्रोश
रेलवे के नए नियमों को लेकर यात्रियों में आक्रोश है। यात्री सुविधा समिति के अमित पांडेय ने बताया कि यह रेलवे की खुली लूट है। जब साढ़े चार प्रतिशत टैक्स था तो यूटीएस से एसी टिकट बन रहे थे। अब पांच प्रतिशत होने पर यूटीएस से एसी टिकट बनवाने की सुविधा खत्म कर रहे हैं, आखिर क्यों। बढ़े हुए टैक्स के साथ यूटीएस पर भी एसी टिकट बनाए जाएं।